Author- Cheiro अंक विज्ञानं को विज्ञानं का रूप देने और उसे सर्वजन सुलभ बनाने का श्रेय पच्छिमी विद्वानों को ही है l विश्वविख्यात ज्योतिषी कीरो इनमे एक है l लगभग...
विशोत्तरी दशा आधारभूत सूत्र विशोत्तरी दशा के आधारभूत सूत्र नामक इस संरचना में उपरोक्त आठों शोध प्रबन्धों से उदधृत महत्वपूर्ण सूत्र एवं सिद्धांत से सम्बंधित सामग्री ली गई है, जिसे...
Brihat Upaya Sanhita Here in this book of ours for your pleasure we are pleased to inform you that we are going to acquaint you with all the remedial measures...
Only First or Last Born Child - Ek Matra, Jyesth Ya Kanishth Santaan Authors: Rajbir Singh, KN Rao | Publisher: Vani Publications Description:In this book, Rajbir Singh and KN Rao...
KHAGOL AWAM GANIT JYOTISH - Hindi Author- Deepak Kapoor ज्योतिष के शास्त्रीय ग्रंथो के अनुसार ऐसा ज्योतिषविद जो सच्चा, आदर्शवादी तथा गणित में प्रवीण हो वाही भविष्य का पूर्ण कथन...
सुगम वेदिक ज्योतिष [हिंदी]लेखक: जी. एस. अग्रवाल सुगम वेदिक ज्योतिष जी. एस. अग्रवाल द्वारा लिखित एक सरल और व्यावहारिक पुस्तक है, जो वेदिक ज्योतिष के मूलभूत सिद्धांतों और उनके उपयोग...
Vedic Ank Jyotish Vol-1 & Vol-2 in Hindi By Ashok Bhatia Vedic Ank Jyotish" is a comprehensive two-volume series authored by Ashok Bhatia, a renowned expert in Vedic numerology. This series...
Jataka TatwamBy SC Mishra (Suresh Chandra Mishra)Published by Ranjan Publications Unlock the ancient wisdom of astrology with Jataka Tatwam, an authoritative guide by SC Mishra (Suresh Chandra Mishra). This book...
ज्योतिष का मुख्य उद्देश्य जातक की शक्ति व दुर्बलताओं का आकलन करते हुए संभावित अनिष्ट से उसकी रक्षा करना है | ज्योतिषीगण भलीभाौँति जानते हैं कि सभी ग्रह अपने बल के अनुरूप ही अपनी दशा या भुक्ति में शुभ या अशुभ परिणाम दिया करते हैं। अत: सही फल कथन के लिए ग्रह का बल तथा बल का स्रोत जानना आवश्यक है | प्राचीन विद्वान् मनीषियों ने ग्रह बल के छः स्रोत माने हैं जिन्हें षडबल कहा जाता है। ये निम्न प्रकार हैं- ]. स्थान बल 2. दिग्बल 3. कालबल 4. चेष्टा बल 5. नेसर्गिक बल 6. दृग्बल पुनः भाव-बल जानने के लिए भावेश ग्रह बल, ग्रहों की दृष्टि से प्राप्त भाव-बल तथा भाक-दिग्बल का प्रयोग होता है। पडबल गणना पर स्व० डा० बी०वी० रमण तथा श्री वी०पी० जैन की पुस्तक सुन्दर, सुबोध व प्रभावशाली हैं । बहुधा पाठकों को फलित करने के लिए अन्य सन्दर्भ-ग्रंथों का सहारा लेना पड़ता है | इस कठिनाई को दूर करने के लिए प्रस्तुत पुस्तक में षडब॒ल गणना के साथ फल विचार के सूत्रों काभी समावेश किया गया है। मेरे गुरुजन परम् पूज्य श्री वी०पी० जैन, श्री रंगाचारी तथा डाक्टर श्रीमती निर्मल जिन्दल ने अपने बहुमूल्य...
पुस्तक की विशेषताएं ग्रंथों में दिए गए सूत्र सैकड़ों वर्षों पहले के हैं उन्हें समझना और प्रयोग करना सरल नहीं है क्योंकि विवाह के सम्बन्ध में जो सूत्र लिखे...
Janampatri Swayam Banaiye (Hindi) by SC Mishra जन्मपत्री स्वयं बनाइए Author- SC Mishra (Suresh Chandra Mishra) प्रस्तुत पुस्तक में पंचांग द्वारा जन्मपत्र बनाने की विधि के साथ ही साथ आधुनिक...