चिकित्सा ज्योतिष के मौलिक तत्व
चिकित्सा ज्योतिष के मौलिक तत्व वैदिक ज्योतिष की एक स्तरीय पुस्तक है I इसमें जन्म कुंण्डली के विश्लेषण से सम्बंधित नियमो, विशेष रूप से रोग तथा इसके विभिन्न पहलुओ पर ध्यान केंद्रित किया गया है I इस पुस्तक के मुख्य आकर्षण है :
1.रोग के सम्बन्ध में कुंण्डली के विश्लेषण के नियम I
2.कुंण्डली से रोग निर्धारण की अचूक विधि का वर्णन एवं चार वर्ग कुण्डलियो तथा दो प्रकार की दशाओ का प्रयोग I
3. आरोग्य एवम अनारोग्य के नियमो का विवेचन I
4. जन्मजात रोगों के योग I
5.रोगों का प्रकोप तथा उनके परिणामो का सही समय सुनिशिचत करने की विस्तृत विधि I
6. शरीर के किस अंग में रोग होने की सम्भावना है, इसके सम्बन्ध में भावो तथा ग्रहो के कारकत्व एवं द्रेष्काण के प्रयोग का संकेत I
7. बालारिष्ट तथा अरिष्ट भांग के नियमो का विस्तार से वर्णन I
8.रोगों की उत्पति व् परिणाम का निर्णय करने के लिए ज्योतिष के सूक्ष्म नियमो, जैसे बाइसर्वे द्रेष्काण , चौषटवे नवांश, सर्वद्रेष्काण , गुलिक आदि का प्रयोग I
9.रोगों के सूचक कुछ शास्त्रीय योग तथा उनका वास्तविक कुण्डलियो के माध्यम से वैज्ञानिक विवेचन I
A TEXTBOOK OF VARSHAPHALA * The first book on annual horoscopy or Varshaphala (the Tajika system ) which is fully illustrated. * The sixteen Tajika yogas which form the backbone...
ESSENTIALS OF MEDICAL ASTROLOGY The Essentials of Medical astrology is the standard book on Vedic astrology which lays down detailed principles relevant to the analysis of a horoscopic chart, with...
SUBTLETIES OF MEDICAL ASTROLOGY The Subtleties of Medical Astrology is the second and more advanced, work on medical astrology by the author who is both an astrologer and a surgeon....
वैदिक ज्योतिष के मौलिक तत्व (VOL 1&11)
* वैदिक ज्योतिष के मौलिक तत्व वैदिक ज्योतिष की पराशरी पद्धति पर आधारित एक उत्कृष्ट एवं समग्र प्रयास है I
* यहां ज्योतिष विषय को क्रमबद्ध तथा वैज्ञानिक विधि से प्रस्तुत किया है I
*वैदिक ज्योतिष के आधारभूत प्रारम्भिक खगोलीय ज्ञान को सुरिचिपूर्ण ढंग से समझाने का प्रयास किया गया है I
* विशोत्तरी तथा योगिनी दो महत्वपूर्ण दशाओ का वर्णन करते हुए विशोत्तरी दशा का विशेष रूप से विस्तारपूर्वक वर्णन किया गया है I
* शोधपरक विषय जैसे वर्गकुण्डलिया, उपग्रह तथा महावस्था आदि क्षेत्रो का भी यहां समावेश किया गया है I
* एक विशेष अध्याय में पौराणिक पाठ्य प्रणाली को उद्घृत किया गया है I
* सफल ज्योतिष भविष्यवाणियों के आधारभूत समस्त महत्वपूर्ण योगो को तीन अध्याय समर्पित किए गए है तथा नाभस योगो को नवीन प्रवर्तन के साथ क्रमबद्ध विधि से प्रस्तुत किया गया है I
* विभिन्न भावो तथा राशियों में सभी ग्रहो की स्थितियों के परिणाम व्यापक रूप से दिए गए है I
* अनेक विषय जैसे ग्रहबल, बालारिष्ट, अरिष्टभंग, आयुगणना, चिकित्सा ज्योतिष, प्रश्नशास्त्र , वर्षफल (ताजिक) , ग्रहगोचर, सुदर्शन चक्र, अष्टक वर्ग, मुहर्त तथा विवाह के लिए कुंडली मिलान आदि स्पष्ट रूप से वर्णित है I
* पुस्तक को उद्घृत कुण्डलियो के साथ मण्डित किया गया है I
* शुद्ध जन्मपत्री बनाने तथा दशाओ की गणना के लिए आवश्यक ज्योतिष के गणित पक्ष को भी विस्तार से समझाया गया है
LAGHU JATAKAM The Laghu Jatakam is a highly authentic work on vedic Astrology written by the celebrated master varha Mihira. It contains rich material for any serious practitioner of vedic...
योग मीमांसा * योग मीमांसा में पाराशरी सिद्धान्तों पर आधारित अनेक ज्योतिषीय योगो का विश्लेषण एवं व्याख्या प्रस्तुत की गई है i * यह विश्लेषण की विधि ज्योतिष के सर्वमान्य नियमो पर आधारित है जिनकी इस महत्वपूर्ण विषय के अध्ययन के समय प्रायः...