NADI JYOTISH SHASTRA Author- Kewal Anand Joshi ज्योतिष शास्त्र की ही एक प्राचीन विधा है - - नाड़ी ज्योतिष I यह दक्षिण भारत में विशेष रूप से प्रचलित है I दक्षिण भारत में अनेक नाड़ी ग्रन्थ लिखे गए, जो मानव जीवन की रहस्यमय घटनाओ का उदघाटन करते है I ये नाड़ी ग्रन्थ ग्रह - स्थिति पर आधारित होने के बावजूद फलादेश प्रधान है I जन्मकुण्डली का विश्लेषण सूक्ष्मता से करने में नाड़ी ग्रन्थ महत्वपूर्ण भूमिका...
ज्योतिष द्वारा रोग निवारण Author- Radhakrishan Shrimali
जन्मकुंण्डली में किस ग्रह से किस रोग का विचार करे, किस रोग की स्थिति में किस मंत्र - स्रोत्र का पाठ करे आदि का शास्त्र - सममत प्रतिपादन I पराविज्ञान के ज्ञाता देवज्ञ लेखक ने अपने अनुभव सिद्ध प्रयोगों का पुट देकर पुस्तक को अति उपयोगी बना दिया है I
ज्योतिष की दृष्टि से असाध्य रोगों का कारण सहित विवेचन I
Author- Radhakrishan Shrimali
बिना दृष्टि के जीवन उस अँधेरी रात की तरह है , जिसमे अपने शारीर के अंगो का भी एहसास नहीं होता I यही स्थिति ज्योतिष ज्ञान के बिना मानव जीवन की है I ज्योतिष एक प्राचीन शास्त्र है जिसकी अवहेलना नहीं की जा सकती I लेकिन इस प्राचीन ज्ञान अर्थार्त ज्योतिष को नकारने की परंपरा इन दिनों समाज में विकसित हुई है I परन्तु मजे की बात यह है की ऐसा वर्ग भी किन्ही विशेष स्थितियों- परिस्थितियों में देवज्ञ की शरण लेता है और वहां उसे अपनी समस्याओं का समाधान भी मिलता है I यही स्थिति एक सामान्य व्यक्ति की भी है I वह भी कुछ विशेष अवसरों पर ज्योतिष शास्त्र का आश्रय लेता है I
यहाँ यह वाट विचारणीय है की यदि किन्ही विशेष स्थितियों - परिस्थितयो या विशेष आयोजनों पर ज्योतिष के मार्ग दर्शन से हम शुभ और लाभ प्राप्त कर सकते है, तो नित्यप्रति की छोटी - बड़ी समस्याओं का निराकरण क्या इस विशिष्ट शास्त्र द्वारा नहीं कर सकते ? ज्योतिष शास्त्र समस्याओं का समाधान तो सुझाता ही है , वह जीवन की प्रतिकूलताओं को अनुकूलताओं में भी परिवर्तित कर देते है I यहाँ यह भी जाना जरूरी है की उपायों के रूप में ज्योतिष शास्त्र तंत्र, मंत्र और यन्त्र साधनाओ का भी उपयोग करते है I
इस पुस्तक में जन्म कुंण्डली का विवेचना करने के बाद उसके समाधान भी सुझाए गए है I यदि श्रद्धा और आस्थापूर्वक इन उपायों को यथा विधि किया जाए तो मनचाही कामना अवश्य ही पूर्ण होगी - ऐसा शास्त्र वचन है I
प्रश्न फल निर्णय Author- Krishnkant Bhardwaj ज्योतिष शास्त्र के तीन प्रमुख अंगो में प्रश्न मार्ग शास्त्र को भी, महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है i जिन व्यक्तियों के अपने जन्मस्थान, जन्मसमय अथवा...
विशोत्तरी दशाफल निर्णय Author- Krishnakant Bhardwaj सूर्यादि ग्रहो के भावफल, राशिफल, दृष्टिफल, अवस्था फल, राजयोगों, धनयोगों, दरिद्रयोगो तथा अरिष्टादि योगो का समस्त शुभाशुभ फल जातक को सबंधित ग्रहो की दशाओ...
Author- Rameshwar Mishr भविष्य कथन की अनेक विधाओं में से एक है टैरो। भविष्य कथन की यह विधि रहस्य के आवरणों के पीछे छिपे होने के कारण जनसामान्य की पहुंच...
मनचाही सन्तान बेटा और बेटी (सन्तान प्राप्ति की शास्त्रीय एवं विज्ञानं सम्मत जानकारी ) Author- Anil Modi बच्चों की किलकारियां ही घर की शोभा होती है l सन्तान से जंहा...
Author- CM Shrivastava जन्म कुंडली द्वारा यह बताया जा सकता है कि जातक का अतीत क्या था, वर्तमान में वह किन स्थितियों - परिस्थितियों से गुजरेगा और उसके भविष्य के...