NADI JYOTISH SHASTRA ज्योतिष शास्त्र की ही एक प्राचीन विधा है - - नाड़ी ज्योतिष I यह दक्षिण भारत में विशेष रूप से प्रचलित है I दक्षिण भारत में अनेक नाड़ी ग्रन्थ लिखे गए, जो मानव जीवन की रहस्यमय घटनाओ का उदघाटन करते है I ये नाड़ी ग्रन्थ ग्रह - स्थिति पर आधारित होने के बावजूद फलादेश प्रधान है I जन्मकुण्डली का विश्लेषण सूक्ष्मता से करने में नाड़ी ग्रन्थ महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है I प्रस्तुत पुस्तक 'नाड़ी ज्योतिष शास्त्र ' चंद्र नाड़ी या...
विशोत्तरी दशाफल निर्णय सूर्यादि ग्रहो के भावफल, राशिफल, दृष्टिफल, अवस्था फल, राजयोगों, धनयोगों, दरिद्रयोगो तथा अरिष्टादि योगो का समस्त शुभाशुभ फल जातक को सबंधित ग्रहो की दशाओ में ही प्राप्त...
लाल किताब से कष्ट - निवारण ग्रह शांति कर सुख - सौभाग्य और समृद्धि प्रदान करने वाली अति विशिष्ट जानकारी लाल किताब को ज्योतिष शास्त्र का एक अनूठा ग्रन्थ माना...
जन्मकुंडली फलित दर्पण कुंडली में सिमटा होता है -जातक का भविष्य l उसके विभिन्न पक्षों का खुलासा करने के लिए ज्योतिष के विद्वानों ने अनेक ग्रंथो की रचना की, यह...
पाराशर होराशास्त्र कलियुग में लोगो के उपकार के निमित्त इस पुस्तक के एक -एक अंश के ज्ञान से महर्षि पराशर ने मैत्रय मुनि को अवगत कराया था I ज्योतिष विषय से...