प्राचीन सामुद्रिक शास्त्र (भाग -१ एवं भाग -२) शरीर लक्षण एवं आकृति विज्ञानं के साथ सम्पूर्ण हस्तक्षेप विज्ञानं, जिसमे चित्रों द्वारा एक- एक रेखाओं एवं रेखाओं से बने योगों को...
Manglik Dosh Karan Va Nivaran [Hindi] by Bhojraj Dwivedi Publisher: Diamond Books मंगलीक दोष कारण एवं निवारण मंगल को ग्रहो का सेनापति कहा गया है I यह पुरुषार्थ शक्ति का प्रतिक...
त्रिस्कन्धात्मक ज्योतिष शास्त्र में होरास्कन्ध के अंतर्गत जातक, ताजिक तथा प्रश्न - ये तीनो समाविष्ट हैं l जातक के दो भेद हैं - पुरुष जातक तथा स्त्रीजातक l जहाँ तक जातक के फल कथन की बात है तो सामान्य रूप से फल , पुरुष एवं स्त्रियों के लिए एक जैसा ही होता है; किन्तु नारी की स्थिति प्राकृतिक एवं सामाजिक दृष्टि से कुछ अतिविशिष्ट भी है, जिसके कारण स्त्रियों की जन्मकुंडली के फलकथन - हेतु स्वतंत्र ग्रंथों का प्रणयन भी प्राचीन काल से होता आ रहा है l यही कारण है कि जन्मपत्रिका - निर्माण करने वाले ज्योतिषी फलकथन हेतु स्त्रीजातक विषय पर किसी स्वतंत्र ग्रन्थ की आवश्यकता का अनुभव करते हैं l प्राचीन काल में स्त्रीजातक विषय से संबंद्ध जो ग्रन्थ थे, वे इस्लामी आक्रांताओं द्वारा अन्य संस्कृत वाङ्गमय के साथ ही नष्ट कर दिए गए थे l उनमे से आज केवल यवनाचार्य - विरचित स्त्रीजातक मात्र ही उपलब्ध है l
संहिता ज्योतिष संहिता खण्ड में पाठकों की रूचि बढे और इसमें शोध करने की इच्छा जागृत हो यह ही लेखक का ध्येय है I प्रथम अध्याय में सूर्य तथा चंद्रग्रहण...
कृष्णमूर्ति ज्योतिष पद्धति पर आधारित फलित ज्योतिष रहस्य कृष्णमूर्ति ज्योतिष पद्धति में भाव के निर्देशक का बहुत महत्व है i नीचे दर्शाये गये अनुक्रम के अनुसार निर्देशक बलवान होते है...
ज्योतिष योग चंद्रिका जन्मकुंण्डली के माध्यम से प्रमाणिक एवं अचूक भविष्य कथन किया जा सकता है I कुंण्डली के बारह भावो में आपका रूप -रंग, वर्ण -भेद, सुख-दुःख, माता-पिता, पति - पत्नी,...
ज्योतिष का उद्गगम गुफा मानव के साथ ही हुआ, जो बाद में वेदों में प्रकट हुआ। गुफा मानव आरंभ से ही महान खोजी, आविष्कारक, मानव व्यवहार का अध्येता, विचारक व...