Jyotish ke Adharbhoot Sidhant [Hindi] (KP Reader 2) by KS Krishnamurti KP Reader Hindi ज्योतिष शास्त्र का इतिहास सृष्टि निर्माण के साथ ही आरम्भ हुआ है l गर्ग ऋषि कहते...
ज्योतिष का मुख्य उद्देश्य जातक की शक्ति व दुर्बलताओं का आकलन करते हुए संभावित अनिष्ट से उसकी रक्षा करना है | ज्योतिषीगण भलीभाौँति जानते हैं कि सभी ग्रह अपने बल के अनुरूप ही अपनी दशा या भुक्ति में शुभ या अशुभ परिणाम दिया करते हैं। अत: सही फल कथन के लिए ग्रह का बल तथा बल का स्रोत जानना आवश्यक है | प्राचीन विद्वान् मनीषियों ने ग्रह बल के छः स्रोत माने हैं जिन्हें षडबल कहा जाता है। ये निम्न प्रकार हैं- ]. स्थान बल 2. दिग्बल 3. कालबल 4. चेष्टा बल 5. नेसर्गिक बल 6. दृग्बल पुनः भाव-बल जानने के लिए भावेश ग्रह बल, ग्रहों की दृष्टि से प्राप्त भाव-बल तथा भाक-दिग्बल का प्रयोग होता है। पडबल गणना पर स्व० डा० बी०वी० रमण तथा श्री वी०पी० जैन की पुस्तक सुन्दर, सुबोध व प्रभावशाली हैं । बहुधा पाठकों को फलित करने के लिए अन्य सन्दर्भ-ग्रंथों का सहारा लेना पड़ता है | इस कठिनाई को दूर करने के लिए प्रस्तुत पुस्तक में षडब॒ल गणना के साथ फल विचार के सूत्रों काभी समावेश किया गया है। मेरे गुरुजन परम् पूज्य श्री वी०पी० जैन, श्री रंगाचारी तथा डाक्टर श्रीमती निर्मल जिन्दल ने अपने बहुमूल्य...
यह पुस्तक लेखक के वर्षो के स्वाध्याय और अनुभवों का निचोड़ है | ज्योतिष के क्षेत्र में उन्होंने जो नई नई और महत्वपूर्ण खोजें की हैं, उन्हें व्यावहारिक ढंग से इसमें...
Saravali (Hindi) By SC Mishra Author- SC Mishra (Suresh Chandra Mishra) सारावली सारावली वास्तव में ज्योतिष प्रेमियो के गले में सुशोभित होने वाली हारावली है l ५५ अध्यायों में लगभग...
NADI JYOTISH- Accurate Predictive Methodology - Hindi Author- Umang Taneja
इस पुस्तक में लेखक ने जीवन की मुख्य घटनाये जैसे की मुकदमेबाजी, शिक्षा, धन एवं व्यापार, स्वास्थ्य, यात्रा, संतान, मुहर्त एवं उपायो के बारे में विस्तार पूर्वक समझाया गया है I पाठको को ज्ञात हो कि ज्योतिष में यह अपने प्रकार कि एक मात्र उपलब्ध पुस्तक है I जीवन क़ी सब घटनाओ के बारे में इस पुस्तक में लिखे क्रमबद्ध नियमो से सटीक भविष्यवाणी कर सकते है I परंपरागत ज्योतिष में हज़ारो नियमो एवं योगो आदि से उत्पन्न असमंजस इस पुस्तक को पढ़ने के बाद समाप्त हो जायेगा I इसलिए ज्योतिष से जुड़े सभी सवालो के जवाब के लिए अत्यंत आवश्यक
है I
फलित ज्योतिष - ज्योतिष पुस्तक माला Author- MN Kedar (Mahendra Nath Kedar) ज्योतिष एक देवी विज्ञानं है जिससे भविष्य में झाँकने में हमें सहायता मिलती है I वैदिक ज्योतिष, (जिसे...
विवाह का समय Author- Bpesvs
पुस्तक का वर्ण विषय ही विवाह का समय निर्धारण है I अत: इसमें विवाह का समय निकट है अथवा नहीं, विवाह कब होगा आदि का निर्धारण
करने के लिए विभिन्न ग्रहस्थितियो पर चर्चा की गई है I विभिन्न दोषो पर प्रकाश डाला गया है I साथ ही कुछ ऐसी बातो पर प्रकाश डाला गया है
जिनके विषय में सामान्य जन सोच भी नहीं सकते की इस बात का विवाह से कोई सम्बन्ध हो भी सकता है ? उदाहरण के लिये दशम भाव का
अध्ययन जातक के कार्य तथा व्यवसाय आदि के विषय में अध्ययन के लिये तथा पिता के लिये किया जाता है i सप्तमांश का प्रयोग मूलतः
संतान के विषय में अध्ययन करने के लिये किया जाता है I प्रस्तुत शोध कार्य में इस विषय में भी प्रकाश डाला गया है कि विवाह के विषय में
दशम भाव और सप्तमांश का क्या महत्व है I विशोत्तरी दशा तथा गोचर की विवाह के समय निर्धारण में क्या उपयोगिता है, इस बात पर भी
प्रकाश डाला गया है I ज्योतिष और वैवाहिक जीवन का परस्पर सम्बन्ध बताया गया है I अंत में विवाह से सम्बंधित कुछ सफल फलादेशों के
उदाहरण प्रस्तुत किये गए है I जिससे पाठको को इस नियमो को समझने तथा इनका प्रयोग करने में सरलता हो I इस प्रकार विवाह के समय
निर्धारण के विषय में यह शोधकार्य पाठको को उचित मार्ग दर्शन करने में निशिचत रूप से सक्षम है, ऐसी हमारी मान्यता है I हिंदी प्रेमियो की
भी मांग बार-बार हमारे पास आ रही थी I अत: प्रस्तुत संकलन का हिंदी अनुवाद पाठको के अवलोकनार्थ और समीक्षार्थ प्रस्तुत है कोई भी
परामर्श पाठक भेजे तो उसका स्वागत होगा I
Prashna RahasyaBy Krishna Kumar "प्रश्न रहस्य" कृष्ण कुमार द्वारा लिखी गई एक ज्योतिषीय पुस्तक है, जो प्रश्न ज्योतिष पर केंद्रित है। प्रश्न ज्योतिष वैदिक ज्योतिष की एक शाखा है, जो...
Jyotishiya Upaya - Sagarलेखक: राज कुमार (लेफ्टिनेंट कर्नल)प्रकाशक: सागर पब्लिकेशन यह पुस्तक ज्योतिषीय उपायों पर केंद्रित है, जिसमें विभिन्न ग्रहों और उनकी दशाओं के प्रभाव को संतुलित करने के लिए...
फलित दर्पण Author- MN Kedar (Mahendra Nath Kedar) फलित दर्पण पुस्तक के विशेष आकर्षण १. दाम्पत्य जीवन की आशंकाए : सुखमय अथवा विवादग्रस्त २. वैवाहिक गठबंधन : समय निर्धारण...
फलित ज्योतिष विशेष सूत्रम By Dilip Kumar १.भविष्यकर्ता को भविष्यवाणी करने से पहले जातक की लग्न कुण्डली, चंद्र कुण्डली, नवांश कुण्डली तथा सम्बन्धित वर्ग कुंडली का अध्ययन करना चाहिए I...