Author- Raj Kumar Lt Col
विभिन्न वर्गों की तुलना में नवांश की अपेक्षाकृत महत्ता सभी लोगो ने स्वीकार की है I ज्योतिष इसे जन्मकुंण्डली के ठीक बाद या समकक्ष या उससे भी बेहतर मानते है I लगभग सभी ज्योतिष कोई भी पूर्वानुमान देने से पहले , विभिन्न भावो और ग्रहों की शक्ति जानने के लिए कुंण्डली और नवांश का अध्ययन साथ-साथ करते है I वैदिक ज्योतिष में नवांश की एक उत्कृष्ट स्थिति है और इसके बहुपक्षीय प्रयोग तथा निपुणता किसी भी विषय के सूक्ष्म परिक्षण और गहन अध्ययन के लिए बरबस ध्यान आकर्षित करती है I जेमिनी और नाड़ी पद्धति के अतिरिक्त ज्ञान और बुद्धिमतापूर्ण सिद्धांतो ने इसे और भी महत्वपूर्ण बना दिया है I लेखक ने इन दोनों पद्धतियों का समावेश इस पुस्तक में करने का प्रयास किया है I जन्म कुंण्डली का अध्ययन भावो और ग्रहों के केवल स्थूल संकेत और गुण बताते है I जबकि नावश उनके विस्तृत और सूक्षतम् गुणों को बताते है I नवांश का आकार और विस्तार मूल रूप से एक चौथाई भाग के बराबर है I एक भाव / राशि लगभग ३० डिग्री का होता है जबकि नवांश उसका सूक्षतम् रूप (राशि का १/९ भाग या केवल ३" २०' ही) है जो इसे विलक्षण गुण देता है I
काल चक्र दशा से फलित Author- Girish Chandra Joshi * वर्तमान समय में जो पुस्तके कालचक्र दशा में सम्बन्धित है, उनमे ऐसे ही उदाहरणों को रखा गया है जिसमे देहादि...
१ अष्टकवर्ग जैसे दुरूह एवं शुष्क विषय पर पहली बार एक दिलचस्प पुस्तक l २ अष्टकवर्ग का गणित एक उदहारण कुंडली द्वारा दर्शाया गया है l ३ सर्वाष्टकवर्ग के नियम विभिन्न कुंडलियों...
Author- Yashwant Desai कृष्णमूर्ति ज्योतिष पद्धति पर आधारित फलित ज्योतिष रहस्य कृष्णमूर्ति ज्योतिष पद्धति में भाव के निर्देशक का बहुत महत्व है i नीचे दर्शाये गये अनुक्रम के अनुसार निर्देशक...
सफल ज्योतिषी बने (बृहद ज्योतिष ज्ञान ) Author- Pandit Krishankant Bhardwaj ज्योतिष ज्ञान के लिए अब यह जरूरी नहीं रह गया है कि आपको संस्कृत का ज्ञान हो ही I...
Jyotish Shastra Mein Chikitsa Shastra (Hindi) By Setubandhu Rameshwar Mishra (SBR Mishra) "Jyotish Shastra Mein Chikitsa Shastra" is an enlightening exploration of the intersection between astrology and medical science. Written...
50 Hand Print (Phaladesh Tatha Upaya Sahit) (Hindi),Author-Dayanand Verma फिंगर प्रिंट्स कभी नहीं बदलते किन्तु हाथ की रेखाएं कभी कभी बदलती हैं .इस आधार पर हम कह सकते हैं कि...