ANK JYOTISH ( DR. NARAYAN DUTT SHREE MALI ) अंक ज्योतिष एक नवीन विधा है, जिसके द्वारा मात्र जन्म - तारीख से भविष्य फल स्प्ष्ट किया जा सकता है l अंक ज्योतिष...
कुण्डली दर्पण फलकथन तथा ग्रहो के आधार को ध्यान में रखकर भविष्यफल स्पष्ट करना ज्योतिष विज्ञान में सम्भवत: सर्वाधिक कठिन कार्य है l कुण्डली में कुल बारह भाव होते है...
Janam Patri Rachna सम्पूर्ण ज्योतिष का आधार जन्मपत्री ही है I जब तक जन्म-त्री सही रूप से नहीं बनायीं जाती , तब तक फलकथन में पूर्णत: और प्राथमिकता नहीं आ पाती I जन्म पत्री रचना अपने ढ़ग की पहली पुस्तक है, जिसके माध्यम से सही जन्म पत्री बनाना सरल ढग से समझाया गया है I इस पुस्तक के अध्ययन द्वारा हज़ारो पाठक जन्म- पत्री बनने में सफल हुए है I ‘ओरिएंट पेपरबैक्स’ द्वारा इस पुस्तक का परिवर्तित एवं परिवर्धित संस्करण प्रकाशित किया जा रहा है I मैंने इस पुस्तक में दो नए अधयाय भी जोड़े है, जो पाठको के लिए...
Bhartiya Jyotish भारतीय ज्योतिष भारतीय ज्योतिष विश्व का सर्वाधिक प्राचीन एवं महत्वपूर्ण विज्ञानं है l जहां अन्य सभी विज्ञानं वर्तमान के परिणामों को ही स्प्ष्ट कर पाते है, वहां ज्योतिष भुत और वर्तमान...
Jyotish Yog Dipika ज्योतिष का मूल आधार, ग्रह, उनकी गति और उनका पारस्परिक सम्बन्ध है I किन्ही भी दो या दो से अधिक ग्रहों का संयोग, सम्बन्ध तथा सहयोग से विशेष योग का निर्माण होता...
ज्योतिष और हस्तरेखा कुछ गूढ़ और दुरूह विषय हैं; परन्तु अंक विज्ञान अत्यन्त सरल, सीधा, स्पष्ट और तथ्यपूर्ण विषय है। घर बैठे अपना तथा औरों का भविष्य स्वयं बांचने की सरलतम...
Phalit Jyotish
फलित ज्योतिष अपने आपमें पूर्ण एवं सशक्त विधा है I यह विज्ञानं हमारे पूर्वजो की थाती है, जिसका सही तरीके से अध्ययन, मनन एवं चिंतन आवश्यक है I यह पुस्तक इस दिशा में एक ऐसा माध्यम है, जिसके द्वारा पाठक अपनी जन्मकुंडली से अपने भविष्य का भली- भाति अध्ययन कर सकता है और अपने जीवन को सफलतापूर्वक उसके अनुसार ढाल सकता है I इस पुस्तक में कुछ नये अध्याय जोड़े गये है, जो पाठको के लिए अतयन्त मूलयवान है I इसके अतिरिक्त अंतिम अध्याय में यह भी समझाया गया है कि जन्मकुंडली के माध्यम से किस प्रकार भविष्य फल स्प्ष्ट किया जाना चाहिए I
ओरिएंट पेपरबैक्स जैसी प्रतिष्ठा सस्था ने इस पुस्तक को जिस सुंदरता के साथ प्रकाशित किया है, वह सराहनीय है I मुझे विश्वास है कि पुस्तक के इस परिवर्तित एवं परिवर्धित सस्करण को पाठक उत्तसाह के साथ अपनायेगे I