Author- Rameshwar Mishr भविष्य कथन की अनेक विधाओं में से एक है टैरो। भविष्य कथन की यह विधि रहस्य के आवरणों के पीछे छिपे होने के कारण जनसामान्य की पहुंच...
आधुनिक काल में वास्तु की शाखाएं वैश्विक स्तर पर उदित हुई हैं। अब अधिकांश लोग अपने स्थान को वास्तु विशेषज्ञ को दिखाने में रुचि रखते हैं ताकि वे अपने घर, भवन अथवा...
शुक्र पूर्णत: सांसारिक ग्रह है l यह राजसिक, सर्वगुण सम्पन्न तथा समर्थवान है l शुक्र से भाग्य, कामना और इच्छा आदि भावो की अभिव्यक्ति होती है l इसमें काव्यात्मक और...
काल चक्र दशा से फलित Author- Girish Chandra Joshi * वर्तमान समय में जो पुस्तके कालचक्र दशा में सम्बन्धित है, उनमे ऐसे ही उदाहरणों को रखा गया है जिसमे देहादि...
Author- Raj Kumar Lt Col
विभिन्न वर्गों की तुलना में नवांश की अपेक्षाकृत महत्ता सभी लोगो ने स्वीकार की है I ज्योतिष इसे जन्मकुंण्डली के ठीक बाद या समकक्ष या उससे भी बेहतर मानते है I लगभग सभी ज्योतिष कोई भी पूर्वानुमान देने से पहले , विभिन्न भावो और ग्रहों की शक्ति जानने के लिए कुंण्डली और नवांश का अध्ययन साथ-साथ करते है I वैदिक ज्योतिष में नवांश की एक उत्कृष्ट स्थिति है और इसके बहुपक्षीय प्रयोग तथा निपुणता किसी भी विषय के सूक्ष्म परिक्षण और गहन अध्ययन के लिए बरबस ध्यान आकर्षित करती है I जेमिनी और नाड़ी पद्धति के अतिरिक्त ज्ञान और बुद्धिमतापूर्ण सिद्धांतो ने इसे और भी महत्वपूर्ण बना दिया है I लेखक ने इन दोनों पद्धतियों का समावेश इस पुस्तक में करने का प्रयास किया है I जन्म कुंण्डली का अध्ययन भावो और ग्रहों के केवल स्थूल संकेत और गुण बताते है I जबकि नावश उनके विस्तृत और सूक्षतम् गुणों को बताते है I नवांश का आकार और विस्तार मूल रूप से एक चौथाई भाग के बराबर है I एक भाव / राशि लगभग ३० डिग्री का होता है जबकि नवांश उसका सूक्षतम् रूप (राशि का १/९ भाग या केवल ३" २०' ही) है जो इसे विलक्षण गुण देता है I
Janam Patri Rachna Author- Narayan Datt Shrimali सम्पूर्ण ज्योतिष का आधार जन्मपत्री ही है I जब तक जन्म- सही रूप से नहीं बनायीं जाती , तब तक फलकथन में पूर्णत:...
चंद्र दशा फलदीपिका चंद्र दशा को १२ अध्यायों में विभाजित किया गया है जिनके अध्ययन से चन्द्रमा की महादशा व् अन्तर्दशा के विषय में सम्यक संज्ञान प्राप्त करके सटीक भविष्य...
विहंगम दृष्टि : भाग एक सभी द्वादश' लग्न जातक के गुण दोष तथा व्यक्तित्व का परिचय। सभी लग्नों के लिए शुभ व अशुभ ग्रह। लग्न संबंधी योग (धनी, संतान सुख,...