ज्योतिष पुस्तक माला सामान्य ज्योतिष Author- KN Rao कुछ समय से कक्षाओं में विधार्थियो की शंकाओ के समाधान करने से पुस्तक में कुछ और जानकारी लिखने की आवश्यकता पड़ने पर...
वैदिक ज्योतिषशास्त्र के शोधित सटीक उपाय इस पुस्तक में लेखक द्वारा व्यक्ति के जन्म के समय ग्रह नक्षत्रो, जन्म कुंडली में विभिन्न ग्रहो की स्थिति आदि की जानकारी के साथ...
Share Market Me Bank Nifty Ka Bhavishya By Pradeep Sharma शेयर मार्किट में बैंक निफ्टी का भविष्य किसी भी विषय के बारे में तब तक कोई भी व्यक्ति विश्वास नहीं...
लाल किताब के अद्धभूत टोटके एवं उपाय प्राय: नवग्रहों के कुप्रभाव से बचने के लिये रत्न, यंत्र व् जड़ी धारण, मंत्र जाप, नवग्रह उपासना आदि बताये जाते है I व्यस्तता...
इल्मे सामुद्रिक की लाल किताब Author- Mohammad Hanif Khan लाल किताब पाँच भागो में क्रमश: 1939,1940, 1941, 1942, और 1952 में प्रकाशित हुई थी l 1952 में प्रकाशित पुस्तक इल्मे...
फलित ज्योतिष - ज्योतिष पुस्तक माला Author- MN Kedar (Mahendra Nath Kedar) ज्योतिष एक देवी विज्ञानं है जिससे भविष्य में झाँकने में हमें सहायता मिलती है I वैदिक ज्योतिष, (जिसे...
कुंडली विश्लेषण सूत्र By Dilip Kumar
"कुंडली विश्लेषण सूत्र " नामक यह पुस्तक एक नया प्रयोग है, जिसमे फलित के वह सूत्र बताए गए है, जिसमे कोई भी व्यक्ति जिसे पहले से ही वैदिक ज्योतिष का आधारभूत ज्ञान हो, "कुंडली विश्लेषण सूत्र " को पढ़कर लाभान्वित हो सकता है I इस पुस्तक में ज्योतिष के विद्याथिर्यों के मन में उठने वाली विभिन्न शंकाओ का निवारण बेहद सरल शब्दों में किया गया है I "कुंडली विश्लेषण सूत्र " में जो कुंडलिया आचार्य दलीप जी द्वारा दी गई है वह उनके ३५ वर्षो से संजोया हुआ खजाना है I पुस्तक में दी गई कुण्डलिया जिवंत उदाहरण है, जिनकी सहायता से इस पुस्तक में दिए गए सूत्रों का विश्लेषण किया गया है I इस पुस्तक का आरम्भ लग्न
विवाह का समय Author- Bpesvs
पुस्तक का वर्ण विषय ही विवाह का समय निर्धारण है I अत: इसमें विवाह का समय निकट है अथवा नहीं, विवाह कब होगा आदि का निर्धारण
करने के लिए विभिन्न ग्रहस्थितियो पर चर्चा की गई है I विभिन्न दोषो पर प्रकाश डाला गया है I साथ ही कुछ ऐसी बातो पर प्रकाश डाला गया है
जिनके विषय में सामान्य जन सोच भी नहीं सकते की इस बात का विवाह से कोई सम्बन्ध हो भी सकता है ? उदाहरण के लिये दशम भाव का
अध्ययन जातक के कार्य तथा व्यवसाय आदि के विषय में अध्ययन के लिये तथा पिता के लिये किया जाता है i सप्तमांश का प्रयोग मूलतः
संतान के विषय में अध्ययन करने के लिये किया जाता है I प्रस्तुत शोध कार्य में इस विषय में भी प्रकाश डाला गया है कि विवाह के विषय में
दशम भाव और सप्तमांश का क्या महत्व है I विशोत्तरी दशा तथा गोचर की विवाह के समय निर्धारण में क्या उपयोगिता है, इस बात पर भी
प्रकाश डाला गया है I ज्योतिष और वैवाहिक जीवन का परस्पर सम्बन्ध बताया गया है I अंत में विवाह से सम्बंधित कुछ सफल फलादेशों के
उदाहरण प्रस्तुत किये गए है I जिससे पाठको को इस नियमो को समझने तथा इनका प्रयोग करने में सरलता हो I इस प्रकार विवाह के समय
निर्धारण के विषय में यह शोधकार्य पाठको को उचित मार्ग दर्शन करने में निशिचत रूप से सक्षम है, ऐसी हमारी मान्यता है I हिंदी प्रेमियो की
भी मांग बार-बार हमारे पास आ रही थी I अत: प्रस्तुत संकलन का हिंदी अनुवाद पाठको के अवलोकनार्थ और समीक्षार्थ प्रस्तुत है कोई भी
परामर्श पाठक भेजे तो उसका स्वागत होगा I
प्रस्तुत ग्रन्थ में ग्रहों का मानव जीवन पर प्रभाव, ग्रहों के प्रभाव को जानने के साधन, ज्योतिष एवं कर्मवाद, ज्योतिष एवं आयुर्वेद, रोगोत्पति के कारण एवं ज्योतिष शास्त्र में रोग...
Jyotishiya Upaya - Sagarलेखक: राज कुमार (लेफ्टिनेंट कर्नल)प्रकाशक: सागर पब्लिकेशन यह पुस्तक ज्योतिषीय उपायों पर केंद्रित है, जिसमें विभिन्न ग्रहों और उनकी दशाओं के प्रभाव को संतुलित करने के लिए...
फलित दर्पण Author- MN Kedar (Mahendra Nath Kedar) फलित दर्पण पुस्तक के विशेष आकर्षण १. दाम्पत्य जीवन की आशंकाए : सुखमय अथवा विवादग्रस्त २. वैवाहिक गठबंधन : समय निर्धारण...