दशाफल दर्पण Author- SC Mishra (Suresh Chandra Mishra) जातकतत्व, पत्रिमार्गप्रदीप आदि प्रसिद्ध ग्रंथो के रचयिता श्री महादेव पाठक जी (रतलाम) के सुपुत्र श्री निवास पाठक कृत यह ग्रन्थ लगभग १५०...
Jyotish Mein Anglakshan Author: KN RaoPublisher: Vani Publications Description:Can the signs and marks on your body reveal your destiny? In Jyotish Mein Anglakshan, renowned astrologer KN Rao explores the astrological...
आयु निर्णय Author- Girish Chandra Joshi जातक के जन्मांग पर नाना प्रकार के राजयोग- धनयोग आदि पर विचार करने से पूर्व प्रत्येक ज्योतिषी को सर्वप्रथम जातक की आयु पर...
जैमिनी स्थिर दशा से भविष्यवाणी Author- Akhila Kumar मैंने पंजाब के एक ज्योतिषी, जिनका नाम संभवत टेक चंद था, ब्रह्म ज्ञान करने की निम्नांकित विधि समझी थी l पहले ग्रह...
Book Title: Phalit Vikas Author-SC Mishra (Suresh Chandra Mishra)Publisher: Ranjan PublicationsLanguage: Hindi Description:"Phalit Vikas" is a comprehensive guide to the art and science of astrology, offering readers an in-depth understanding...
Jaimini Mukta (Pearls From Jaimini) [Hindi] by SC Mishra (Suresh Chandra Mishra) Publisher: Pranav Publications पाराशर द्वारा स्वीकृत लेकिन पाराशर होरा में कुछ कम विस्तार से बताए गए महत्वपृर्ण और सटीक...
कंटक शनि अष्टम शनि शनि की साढ़ेसाती ( अभिशाप या वरदान एक पूर्ण संतुलन )
Author- KN Rao
कंटक शनि अष्टम शनि और शनि की साढ़ेसाती, ये शनि का क्रमश: लग्न और चन्द्र से, चतुर्थ और अष्टम तथा चन्द्र और उससे द्वितीय तथा द्वादश भाव में गोचर मात्र है I लेकिन सतही ज्योतिष करने वाले, शनि एक नाम , एक शब्द जिससे समाज में भय व्याप्त है, को जोड़ कर पैसा कमाते है और जनता को उत्तरोत्तर और विशेषकर संवेदनशील महिलाओ को आतंकिंत करते है I इस सामाजिक कुरीति के विरोध में भारतीय विधा भवन के प्रागण में छात्रों द्वारा सैकड़ो कुण्डिलियों पर इन गोचरों में घटने वाली अनेकानेक घटनाओ पर शोध कार्य किया गया, जिससे निष्कर्ष निकलता है कि शनि का गोचर, मात्र घटना के समय का निर्धारण करने में सहायक सिद्ध हो सकता है लेकिन जीवन कि दिशा दशाओ से ही निर्धारित होती है I किसी भी घटना के शुभ - अशुभ होने में ग्रहो कि विभिन्न भावो व् वर्ग कुण्डलियो तथा राशियों व् नक्षत्रों में परस्पर स्थिति, योग तथा दशाक्रम की महत्वपूर्ण भूमिका होती है I बारह राशियों, सत्ताईस नक्षत्र, नो ग्रह, बारह भावो व् षोडश वर्गों से ५,५९,८७२ संयोजन बनते है, तो केवल एक गोचर के आधार पर कैसे फलित किया जा सकता है I टेलीविज़न के विभिन्न चैनलो पर तथा समाचार पत्रो में केवल चन्द्र पर शनि के गोचर के आधार पर भविष्य बताया जाता है I छः अरब की विश्व की जनता में , बारह राशियों के आधार पर ५० करोड़ व्यक्तियों का या भारत की १०८ करोड़ की जनता में ९ करोड़ व्यक्तियों का भविष्य एक सा नहीं हो सकता I दैनिक हिन्दू के प्रसिद्ध संपादक कस्तूरी रंजन स्वयं ज्योतिष जानते थे और इस पर विश्वास करते थे और भविष्यवाणी
Jyotish ke Adharbhoot Sidhant [Hindi] (KP Reader 2) by KS Krishnamurti KP Reader Hindi ज्योतिष शास्त्र का इतिहास सृष्टि निर्माण के साथ ही आरम्भ हुआ है l गर्ग ऋषि कहते...
सुगम वेदिक ज्योतिष [हिंदी]लेखक: जी. एस. अग्रवाल सुगम वेदिक ज्योतिष जी. एस. अग्रवाल द्वारा लिखित एक सरल और व्यावहारिक पुस्तक है, जो वेदिक ज्योतिष के मूलभूत सिद्धांतों और उनके उपयोग...
Vedic Ank Jyotish Vol-1 & Vol-2 in Hindi By Ashok Bhatia Vedic Ank Jyotish" is a comprehensive two-volume series authored by Ashok Bhatia, a renowned expert in Vedic numerology. This series...