लघुपाराशरी लघुपाराशरी महर्षि पाराशर प्रणीत ज्योतिष का अनमोल ग्रंथ है i इस ग्रन्थ में महर्षि पाराशर रचित ४२ श्लोक को संगृहीत किया गया है जिनके द्वारा किसी भी कुंडली का...
कुण्डली पर विचार करने की विधि नामक यह पुस्तक ज्योतिष के व्यावहारिक और अनुप्रयुक्ति पर है। इस पुस्तक को जनसाधारण द्वारा पसन्द किया गया है। इस पुस्तक के दो खण्डों में जन्म...
जन्मकुंडली और आपका भविष्य जन्मकुंडली और आपका भविष्य के कुछ विशेष अंश १. ज्योतिष सामान्य परिचय २. नक्षत्र ३. सौर मंडल और राशियाँ ४.राशि परिचय, गोचर ५. ग्रह परिचय ६.ग्रह...
Gyan Pradipika - Prashan Jyotish ki Ek Prachin Kritiलेखक: अशोक सहजनंदप्रकाशक: अरिहंत इंटरनेशनल ज्ञान प्रदीपिका प्राशन ज्योतिष पर आधारित एक महत्वपूर्ण पुस्तक है, जो प्राचीन ज्योतिषीय पद्धतियों के माध्यम से...
Phalit Jyotish Author- Narayan Datt Shrimali
फलित ज्योतिष अपने आपमें पूर्ण एवं सशक्त विधा है I यह विज्ञानं हमारे पूर्वजो की थाती है, जिसका सही तरीके से अध्ययन, मनन एवं चिंतन आवश्यक है I यह पुस्तक इस दिशा में एक ऐसा माध्यम है, जिसके द्वारा पाठक अपनी जन्मकुंडली से अपने भविष्य का भली- भाति अध्ययन कर सकता है और अपने जीवन को सफलतापूर्वक उसके अनुसार ढाल सकता है I इस पुस्तक में कुछ नये अध्याय जोड़े गये है, जो पाठको के लिए अतयन्त मूलयवान है I इसके अतिरिक्त अंतिम अध्याय में यह भी समझाया गया है कि जन्मकुंडली के माध्यम से किस प्रकार भविष्य फल स्प्ष्ट किया जाना चाहिए I
ओरिएंट पेपरबैक्स जैसी प्रतिष्ठा सस्था ने इस पुस्तक को जिस सुंदरता के साथ प्रकाशित किया है, वह सराहनीय है I मुझे विश्वास है कि पुस्तक के इस परिवर्तित एवं परिवर्धित सस्करण को पाठक उत्तसाह के साथ अपनायेगे I
ग्रन्थ की विषयवस्तु - इस ग्रन्थ का नाम प्रश्न मार्ग है l अस्तु, यह ग्रन्थ देवज्ञ को जीवन से सम्बन्धित सभी महत्वपूर्ण प्रश्नों के समाधान का मार्ग प्रशस्त करता है l यह समाधान जातकशास्त्र, प्रश्नशास्त्र,मुहुर्तशास्त्र, स्वरोदयविज्ञान, आयुर्वेद, प्राकृतिक लक्षण, सहिंताज्योतिष, शकुनशास्त्र, स्वप्नशास्त्र, व्यक्ति की भाव - भंगिमाएँ, उसकी चेष्टाएँ तथा उसके मनोविज्ञान पर आधारित होता है l अस्तु:,...
ऋषि मन्त्रेश्वर विरचित 'फलदीपिका ' एक अनमोल वैदिक ज्योतिषीय ग्रन्थ है, जिसमें लयबद्ध संस्कृत में लिखित 28 अध्याय हैं। इस ग्रन्थ का ज्योतिषीय शास्त्रों में बहुत उच्च स्थान है । फलदीपिका में...
Author- Hemant Kumar Sharma फलित ज्योतिष में लघुपाराशरी का महत्वपूर्ण स्थान है I इस लघु ग्रन्थ में आचार्य ने फलित के ऐसे अनेक गूढ़ रहस्यों को भर दिया है, जो...
होराशास्त्रम (बृहज्जातकम) Author- Satyendra Mishra
होराशास्त्रम विञ्जनों द्वारा प्रतिपादित शब्दशास्त्रन्यायशास्त्रदि अनेक शास्त्रों का बहुत बार अध्ययन करने पर भी जो होरा शास्त्ररूपी महासमुद्र को तैरने में सक्षम नहीं हो पाते उन लोगो के लिए नौका स्वरुप इस ग्रन्थ को मै बनाता हूँ, जो अल्प शब्द और बहुत अर्थो से युक्त है I
अहरोत्र का दूसरा नाम होरा होता है I अहोरात्र के पूर्व वर्ण 'अ' और अंत्यवर्ण 'त्र ' के लोप होने से बीच के 'होरा' ये दो अक्षर बाकी रह जाते है I होरा 'लग्न ' को भी कहते है I यह 'होरा' मनुष्य के पूर्व जनमाजिर्त शुभाशुभ कर्मफल को प्रकाशित करता है I
दो मछलियों में परस्पर एक के मुख में दूसरे की पूँछ मिलाकर जो स्वरूप बनता है वह मीन राशि का स्वरूप है I कंधे पर घड़े रखे हुए पुरुष के जैसा कुंभ राशि का स्वरूप है I मिथुन राशि का स्वरूप स्त्री - पुरुष जोड़ा है जिसमे पुरुष के हाथ में गदा तथा स्त्री के हाथ में वीणा है I धनुराशि का कमर से ऊपर मनुष्य का शरीर जो हाथ में धनुष वाण लिए है और कमर के निचे घोड़े का शरीर है I बड़े - बड़े सिंहो से युक्त हरिनमुख तथा मगरमच्छ शरीर सदृशं मकर का स्वरूप है I
इस ग्रन्थ में 'रुद्रविवर्णी' संस्कृत टिका के साथ - साथ 'प्रज्ञावृद्धिनी' हिंन्दी टिका भी दी गई है जिसमे सरल शब्दों में ग्रन्थ के दुरूह स्थलों को समझाया गया है i साथ ही सारणी एवं चक्रो के द्वारा योगो के स्पष्ट रूप से प्रदर्शित किया गया है कि छात्रों को कम समय में ही विषय का ज्ञान हो सके i