Prashan Vichar ( Ek Vaidik Drishtikon ) - Hindi Author- Raj Kumar Lt Col पुस्तक-सार अनंतकाल से प्रशन शास्त्र एक बहुत लोकप्रिय,अद्वितीय और सटीक तकनीक रही है जो जातक की...
Author- Ashok Bhatia विश्व के सभ्य होने से पहले ही अंक ज्योतिष के ज्ञान से भारतीय परिचित थे l शून्य से नौ अंक तक उन्होंने प्रत्येक अंक सृष्टि के अलग...
ज्योतिष में भवन वाहन और कीर्ति योग Author- Bhojraj Dwivedi भूमि -भवन का क्रय या निर्माण आम आदमी के जीवन का सर्वाधिक महत्वपूर्ण पहलु है l वाहन भी आज के...
१ अष्टकवर्ग जैसे दुरूह एवं शुष्क विषय पर पहली बार एक दिलचस्प पुस्तक l २ अष्टकवर्ग का गणित एक उदहारण कुंडली द्वारा दर्शाया गया है l ३ सर्वाष्टकवर्ग के नियम विभिन्न कुंडलियों...
Author - SC Mishra (Suresh Chandra Mishra)
इस ग्रन्थ में जातक विषयों पर एक नये दृष्टिकोण का साक्षात्कार होता है जो अन्य ग्रंथो से थोड़ा भिन्न है l मन्त्रेश्वर के गोचर फल कथन अतयन्त तर्कपूर्ण और तथ्यात्मक है l भावफलकथन में भी मन्त्रेश्वर के वैशिष्ट्य की झलक देखने को मिलती है l सर्वतोभद्र पर विशेष टिप्पणी दी गयी है जो गोचरफल कथन में विशेष उपयोगी है l तत्सम्बन्धी उदाहरण भी दिये गये है l साथ ही कालचक्र दशा की सोदाहरण विशद व्याख्या दी गई है l टिका में आवष्यकतानुसार गणितीय उदाहरण तथा अन्य परम्परागत जातक ग्रंथो के विचारों को यथास्थान उद्द्त किया गया है l
अंत में इस ग्रन्थ को अपने शुद्धतम रूप में ज्योतिष जगत के समक्ष प्रस्तुत करने में अथक, अमूल्य सहयोग और परिश्रम के लिए 'चौखम्बा सुरभारती प्रकाशन' के व्यवस्थापक गुप्त -बन्धुओ के प्रति से अतयन्त आभारी हु l
Phal Deepika by Mantreshwar in Hindi
प्राचीन सामुद्रिक शास्त्र (भाग -१ एवं भाग -२) शरीर लक्षण एवं आकृति विज्ञानं के साथ सम्पूर्ण हस्तक्षेप विज्ञानं, जिसमे चित्रों द्वारा एक- एक रेखाओं एवं रेखाओं से बने योगों को...