संज्ञा विचार ( पौराणिक पद्धति से वर्ग विचार ) महर्षि पराशर ने अपने होराशास्त्र में वर्ग कुण्डलियों का महत्व स्वीकारते हुए उन्हें ग्रह साधन व् राशीशील के तुरंत बाद स्थान...
ज्योतिष और विवाह योग विवाह मानवीय जीवन की सबसे आवश्यक एवं विचित्र विडम्बना है l जीवन या मरण, चिरआनन्द या चिरस्थाई दुःख सभी कुछ विवाह की परिधि में आबद्ध है...
फलित ज्योतिष विशेष सूत्रम १.भविष्यकर्ता को भविष्यवाणी करने से पहले जातक की लग्न कुण्डली, चंद्र कुण्डली, नवांश कुण्डली तथा सम्बन्धित वर्ग कुंडली का अध्ययन करना चाहिए I २.कुण्डलियो के अध्ययन...
जातक सारावली- नवम भाव आकाशीय पिण्डों के अध्ययन एवं ज्योतिष शास्त्र के शोध सिद्धांतों से आलोकित व्यवसाय पक्ष का प्रज्वलित प्रकाश पुंज है। व्यवसाय और कर्म के अधिष्ठाता महाप्रभु की परमपावन...
वैदिक ज्योतिष के मौलिक तत्व (VOL 1&11)
* वैदिक ज्योतिष के मौलिक तत्व वैदिक ज्योतिष की पराशरी पद्धति पर आधारित एक उत्कृष्ट एवं समग्र प्रयास है I
* यहां ज्योतिष विषय को क्रमबद्ध तथा वैज्ञानिक विधि से प्रस्तुत किया है I
*वैदिक ज्योतिष के आधारभूत प्रारम्भिक खगोलीय ज्ञान को सुरिचिपूर्ण ढंग से समझाने का प्रयास किया गया है I
* विशोत्तरी तथा योगिनी दो महत्वपूर्ण दशाओ का वर्णन करते हुए विशोत्तरी दशा का विशेष रूप से विस्तारपूर्वक वर्णन किया गया है I
* शोधपरक विषय जैसे वर्गकुण्डलिया, उपग्रह तथा महावस्था आदि क्षेत्रो का भी यहां समावेश किया गया है I
* एक विशेष अध्याय में पौराणिक पाठ्य प्रणाली को उद्घृत किया गया है I
* सफल ज्योतिष भविष्यवाणियों के आधारभूत समस्त महत्वपूर्ण योगो को तीन अध्याय समर्पित किए गए है तथा नाभस योगो को नवीन प्रवर्तन के साथ क्रमबद्ध विधि से प्रस्तुत किया गया है I
* विभिन्न भावो तथा राशियों में सभी ग्रहो की स्थितियों के परिणाम व्यापक रूप से दिए गए है I
* अनेक विषय जैसे ग्रहबल, बालारिष्ट, अरिष्टभंग, आयुगणना, चिकित्सा ज्योतिष, प्रश्नशास्त्र , वर्षफल (ताजिक) , ग्रहगोचर, सुदर्शन चक्र, अष्टक वर्ग, मुहर्त तथा विवाह के लिए कुंडली मिलान आदि स्पष्ट रूप से वर्णित है I
* पुस्तक को उद्घृत कुण्डलियो के साथ मण्डित किया गया है I
* शुद्ध जन्मपत्री बनाने तथा दशाओ की गणना के लिए आवश्यक ज्योतिष के गणित पक्ष को भी विस्तार से समझाया गया है
फलित दर्पण फलित दर्पण पुस्तक के विशेष आकर्षण १. दाम्पत्य जीवन की आशंकाए : सुखमय अथवा विवादग्रस्त २. वैवाहिक गठबंधन : समय निर्धारण के विभिन्न योग I ३. स्वास्थ्य :...
कुण्डली दर्पण फलकथन तथा ग्रहो के आधार को ध्यान में रखकर भविष्यफल स्पष्ट करना ज्योतिष विज्ञान में सम्भवत: सर्वाधिक कठिन कार्य है l कुण्डली में कुल बारह भाव होते है...
कुण्डली मिलान (सुखी दाम्पत्य जीवन का आधार ) विवाह जीवन की एक महत्वपूर्ण घटना है l जातक के माता -पिता इसे पूर्ण विचार -विमर्श करके करना चाहते है l गृहस्थ...