लघुपाराशरी लघुपाराशरी महर्षि पाराशर प्रणीत ज्योतिष का अनमोल ग्रंथ है i इस ग्रन्थ में महर्षि पाराशर रचित ४२ श्लोक को संगृहीत किया गया है जिनके द्वारा किसी भी कुंडली का...
कुण्डली पर विचार करने की विधि नामक यह पुस्तक ज्योतिष के व्यावहारिक और अनुप्रयुक्ति पर है। इस पुस्तक को जनसाधारण द्वारा पसन्द किया गया है। इस पुस्तक के दो खण्डों में जन्म...
ज्ञान ज्योतिष शास्त्र पर आघृत है। जन्म कुंडली का फल कथन सरल नहीं है। पाराशर का नाम भारतीय ज्योतिष के प्रब॑तकों में अग्रगण्य है। बृहत्पाराशर होरा शास्त्रम भारतीय 'फलित-ज्योतिष के अकाट्य सिद्धान्तों का...
भृगु संहिता (फलित दर्पण ) Author- Dhananjay Sanyasi कुंडली मारकर बैठा हुआ सर्प देखने में कितना निष्क्रिय लगता है जबकि असल में, उस समय वह सारी सक्रियता को अपने में...
Laghu Parashari - Madhyaparashari [Hindi]Author: Hemant Kumar SharmaPublisher: Chaukhamba Prakashan Unlock the ancient wisdom of Vedic astrology with Laghu Parashari - Madhyaparashari, a classic text revered for its depth and...
होराशास्त्रम (बृहज्जातकम) Author- Satyendra Mishra
होराशास्त्रम विञ्जनों द्वारा प्रतिपादित शब्दशास्त्रन्यायशास्त्रदि अनेक शास्त्रों का बहुत बार अध्ययन करने पर भी जो होरा शास्त्ररूपी महासमुद्र को तैरने में सक्षम नहीं हो पाते उन लोगो के लिए नौका स्वरुप इस ग्रन्थ को मै बनाता हूँ, जो अल्प शब्द और बहुत अर्थो से युक्त है I
अहरोत्र का दूसरा नाम होरा होता है I अहोरात्र के पूर्व वर्ण 'अ' और अंत्यवर्ण 'त्र ' के लोप होने से बीच के 'होरा' ये दो अक्षर बाकी रह जाते है I होरा 'लग्न ' को भी कहते है I यह 'होरा' मनुष्य के पूर्व जनमाजिर्त शुभाशुभ कर्मफल को प्रकाशित करता है I
दो मछलियों में परस्पर एक के मुख में दूसरे की पूँछ मिलाकर जो स्वरूप बनता है वह मीन राशि का स्वरूप है I कंधे पर घड़े रखे हुए पुरुष के जैसा कुंभ राशि का स्वरूप है I मिथुन राशि का स्वरूप स्त्री - पुरुष जोड़ा है जिसमे पुरुष के हाथ में गदा तथा स्त्री के हाथ में वीणा है I धनुराशि का कमर से ऊपर मनुष्य का शरीर जो हाथ में धनुष वाण लिए है और कमर के निचे घोड़े का शरीर है I बड़े - बड़े सिंहो से युक्त हरिनमुख तथा मगरमच्छ शरीर सदृशं मकर का स्वरूप है I
इस ग्रन्थ में 'रुद्रविवर्णी' संस्कृत टिका के साथ - साथ 'प्रज्ञावृद्धिनी' हिंन्दी टिका भी दी गई है जिसमे सरल शब्दों में ग्रन्थ के दुरूह स्थलों को समझाया गया है i साथ ही सारणी एवं चक्रो के द्वारा योगो के स्पष्ट रूप से प्रदर्शित किया गया है कि छात्रों को कम समय में ही विषय का ज्ञान हो सके i
Bhrigu Sanhita [Hindi] by Author - Radhakrishan Shrimali Publisher: Diamond Books भृगु संहिता ज्योतिष की अनेक शाखा - प्रशाखाओं में गणित और फलित का महत्वपूर्ण स्थान है I फलित के माध्यम...
फलित सरोवर , Author - Raghunandan Prasad Gaur प्रत्येक व्यक्ति को अपने भविष्य में घटित होने वाली शुभाशुभ घटनाओं की जानने की जिज्ञासा रहती है I यही कारण है कि...
Saral Maansagri Padditi [Hindi] by Roopnarain Jha Publisher: Ajay Book Service सरल मानसागरी पद्धति १. सम्पूर्ण जगत के आधार रूप श्रेष्ठ ज्योति को प्रणाम करके अन्धकार को नाश करने...