ज्योतिष का मुख्य उद्देश्य जातक की शक्ति व दुर्बलताओं का आकलन करते हुए संभावित अनिष्ट से उसकी रक्षा करना है | ज्योतिषीगण भलीभाौँति जानते हैं कि सभी ग्रह अपने बल के अनुरूप ही अपनी दशा या भुक्ति में शुभ या अशुभ परिणाम दिया करते हैं। अत: सही फल कथन के लिए ग्रह का बल तथा बल का स्रोत जानना आवश्यक है | प्राचीन विद्वान् मनीषियों ने ग्रह बल के छः स्रोत माने हैं जिन्हें षडबल कहा जाता है। ये निम्न प्रकार हैं- ]. स्थान बल 2. दिग्बल 3. कालबल 4. चेष्टा बल 5. नेसर्गिक बल 6. दृग्बल पुनः भाव-बल जानने के लिए भावेश ग्रह बल, ग्रहों की दृष्टि से प्राप्त भाव-बल तथा भाक-दिग्बल का प्रयोग होता है। पडबल गणना पर स्व० डा० बी०वी० रमण तथा श्री वी०पी० जैन की पुस्तक सुन्दर, सुबोध व प्रभावशाली हैं । बहुधा पाठकों को फलित करने के लिए अन्य सन्दर्भ-ग्रंथों का सहारा लेना पड़ता है | इस कठिनाई को दूर करने के लिए प्रस्तुत पुस्तक में षडब॒ल गणना के साथ फल विचार के सूत्रों काभी समावेश किया गया है। मेरे गुरुजन परम् पूज्य श्री वी०पी० जैन, श्री रंगाचारी तथा डाक्टर श्रीमती निर्मल जिन्दल ने अपने बहुमूल्य...
The Fascinating Jupiter Author- LR Chawdhri "The Fascinating Jupiter" is the second book of the series of Planets by the author detailing the traits of Jupiter from all angles. The...
उपाय मार्तण्ड Author- Veni Madhav Goswami
ज्योतिष का प्रमुख उद्देश्य आने वाली घटनाओं को बताना ही नहीं वरन आने वाले कष्टों से रक्षा और लाभ पहुंचना है l जन्म कुण्डली में विभिन्न भावो में स्थित ग्रहो का शुभाशुभ फल जातक को जीवन भर मिलता रहता है l परन्तु उनका विशेष फल महादशा, अन्तर्दशा की अवधि में मिलता है l अत: यथार्थ फल की जानकारी के लिए ग्रह, गोचर और ग्रह की महादशा अन्तर्दशा पर विशेष ध्यान देना चाहिए l
अनिष्ट ग्रहो की शांति के लिए हमारे ऋषियों ने अनेक प्रकार के यंत्र, तंत्र, मंत्र, एवं जड़ी -बूटियों द्वारा उपाए बताए है l इनमे मंत्र जाप सर्वोपरि है l इसके पश्चात हवन, दान, रत्न धारण करना आदि है l वर्तमान समय में लाल किताब के अनुभूत, उपाय कम खर्चे के और सरल है जिनके द्वारा भी कठिन से कठिन समस्या का समाधान हो जाता है l यदि मंत्र जप करने में कठिनाई आए तो अनिष्ट ग्रह के अशुभ फल से बचने के लिए 'ग्रह की वस्तु का दान, व्रत, रत्न धारण कर लाभ उठा सकते है l रत्नो एवं लाल किताब के उपायों का चमत्कारिक प्रभाव देखा गया है l परन्तु शुद्ध रत्न कीमती और आसानी से नहीं मिलते इसके लिए उपरत्न जड़ी -बूटी, ग्रह से सम्बन्धित वस्तु का दान एवं जल प्रवाह करके कष्ट से बच सकते है l प्रस्तुत पुस्तक में इन सबका विस्तृत विवेचन किया गया है l
Predicting Through Shasti Hayani Dasha [English] By VP Goel Publisher: Sagar Publications The use of conditional dasha is essential to confirm the readings of any general dasha. This is like an expert...
Muhurtha [English]Author: Satyanarayana NaikPublisher: Sagar Publications Muhurtha by Satyanarayana Naik is a detailed exploration of the Vedic science of selecting auspicious times (Muhurtha) for conducting important events in one's life....
Neelakantha's Subodhini (Commentary on Jaimini Sutras) [English] By K Guru RajeshPublisher: Bignote PublicationThe Subodhini commentary on Jaimini Sutras by Neelakantha holds a significant place in Jaimini Jyotisha literature. It is...
इस विषय पर अपने तरह की पहली पुस्तक में आप पाएंगे: निर्बल तिथि का उपाय, तिथि और हमारा व्यक्तित्व नवांश की तरह तिथियों में तिथि अंश जानना और फल, जन्मदिन की साठ घड़ियों...
THE NEHRU DYNASTY Author- KN Rao A MODEL CASE-STUDY OF THOSE WHO AFFECT THE LIVES OF MILLIONS The father of John Kennedy wanted to found a dynasty in American democracy...
पूर्व कालामृत Author- SC Mishra (Suresh Chandra Mishra) उत्तर कालामृत का पूर्वभाग मुहूर्त शाखा का प्रामाणिक दस्तावेज l गर्भाधानादि १६ संस्कारो का विचार l विविध मुहूर्तो का सम्यक स्पष्टीकरण l...