Prashna Sandarshanam [Hindi] by SC Mishra (Suresh Chandra Mishra) Publisher: Pranav Publications मन में उठने वाले न जाने कैसे -कैसे प्रश्न कभी संशय और दुविधा की उमड़ घुमड़ मचाते है तो...
जातकालंकार जातकालंकार वास्तव में ही जातक शाखा का अलंकार भुत ग्रन्थ है l प्राचीन शुकसुत्रो का अर्थपल्ल्वन श्लोकबद्ध रीति से करके गणेश कवी ने सरस् शैली में जातकालंकार की रचना...
Parashar Uvaach [Hindi] by SC Mishra (Suresh Chandra Mishra) Publisher: Pranav Publications शताध्यायी बृहत्पाराशरी के विशाल और व्यापक कलेवर से चुन चुन कर ऐसे खास और दैनिक व्यवहारोपयोगी पाराशरी नियमो का...
ग्रन्थ परिचय 600 वर्षों से भी पहले कदाचित् कही गई प्रस्तुत रचना ज्योतिषशास्त्र के सर्वश्रेष्ठ गुरु श्री वेंकटेश द्वारा प्रोक्त है। दाक्षिणात्य विद्वान द्वारा हस्तान्तरित यह शास्त्र ज्ञान सम्भवत: सीधे...
Panchadhyayee ( A Compendium of Predictive Astrology) by SC Mishra (Suresh Chandra Mishra) Publisher: Pranav Publications The ‘Panchadhyayee’ contains the real essence of classics and efficiently deals with many useful techniques...
शरीर लक्षण एवं चेष्टाएँ शरीर लक्षण ज्योतिष शास्त्र का एक प्रमुख अंग है l वैदिक साहित्य से लेकर, आधुनिक साहित्य व ज्योतिष वाड्मय में मानव शरीर - लक्षणों के तथ्य...
Jyotish: Ujale ki Aur [Hindi] by SC Mishra (Suresh Chandra Mishra) Publisher: Pranav Publications अनेक बार ऐसे प्रश्नों, शंकाओ और उलझनों से हमारा वास्ता पड़ता है जिनका समुचित समाधान किसी ग्रन्थ...
Kismat ke Anmol Ratan - Upaya Jyotish Shrankhla [Hindi] by
SC Mishra (Suresh Chandra Mishra)
Publisher: Pranav Publications
अथर्ववेद में बताये गए उपयोगी रत्नों नगो और नगीनो को धारण करने से सोया भाग्य जगता है , ऐसा वेद वचन है I कौन सा रत्न पहने ? किस हाथ में कौन सी अंगुली में पहने ? हाथ के अलावा कहा पहने ? रत्न पहनने से क्या लाभ होगा ? इत्यादि प्रश्नों का वेदोक्त समाधान प्रस्तुत करने वाले इस ग्रन्थ में खास तौर पर आपके लिए मधुकरवृति से चुन चुनकर इन बिन्दुओ पर सरल व् सुबोध शैली से विचार किया गया है :-
1.अपना भाग्यशाली रत्न खुद चुन सकने के सुबोध तरीके
२. नो ग्रहो के रत्नों में से कौन से रत्न शुभ व् लाभ देने वाले है
३ .वर्गों और नगीनो के अतिरिक्त वनस्पति रत्नों का अर्थववेदीय विवेचन
४. जन्मपत्री की गहरी पड़ताल किए बिना ही केवल अपने लग्न या राशि के आधार पर अनुकूल रत्नों का निश्चय
५. राशि के आधार पर व्यक्ति के मूल भुत गुणों और विशेषताओ की खिलावट
६. जन्म समय में ग्रह किस भाव में स्थित है, इस आधार पर रत्न पहनने के शुभ अशुभ फलो का खुलासा