अनिष्ट ग्रह उपचार १. छोटे व् सरल उपायों से स्वास्थ्य, सम्मान व् सफलता पाने के पाँच उदाहरण २. विभिन्न ग्रहो के नक्षत्र में स्थित, सूर्यादि ग्रह पर अनिष्ट प्रभाव ३...
Samvatsar Sanhita (A Textbook on Mundane Astrology) [Hindi] by SC Mishra (Suresh Chandra Mishra) Publisher: Pranav Publications सोलह अध्यायों में मेदिनीय ज्योतिष के नियमों का खुलासा आसान ज्ञाब्दों में कुछ इस तरह...
वैदिक ज्योतिष के मौलिक तत्व (VOL 1&11)
* वैदिक ज्योतिष के मौलिक तत्व वैदिक ज्योतिष की पराशरी पद्धति पर आधारित एक उत्कृष्ट एवं समग्र प्रयास है I
* यहां ज्योतिष विषय को क्रमबद्ध तथा वैज्ञानिक विधि से प्रस्तुत किया है I
*वैदिक ज्योतिष के आधारभूत प्रारम्भिक खगोलीय ज्ञान को सुरिचिपूर्ण ढंग से समझाने का प्रयास किया गया है I
* विशोत्तरी तथा योगिनी दो महत्वपूर्ण दशाओ का वर्णन करते हुए विशोत्तरी दशा का विशेष रूप से विस्तारपूर्वक वर्णन किया गया है I
* शोधपरक विषय जैसे वर्गकुण्डलिया, उपग्रह तथा महावस्था आदि क्षेत्रो का भी यहां समावेश किया गया है I
* एक विशेष अध्याय में पौराणिक पाठ्य प्रणाली को उद्घृत किया गया है I
* सफल ज्योतिष भविष्यवाणियों के आधारभूत समस्त महत्वपूर्ण योगो को तीन अध्याय समर्पित किए गए है तथा नाभस योगो को नवीन प्रवर्तन के साथ क्रमबद्ध विधि से प्रस्तुत किया गया है I
* विभिन्न भावो तथा राशियों में सभी ग्रहो की स्थितियों के परिणाम व्यापक रूप से दिए गए है I
* अनेक विषय जैसे ग्रहबल, बालारिष्ट, अरिष्टभंग, आयुगणना, चिकित्सा ज्योतिष, प्रश्नशास्त्र , वर्षफल (ताजिक) , ग्रहगोचर, सुदर्शन चक्र, अष्टक वर्ग, मुहर्त तथा विवाह के लिए कुंडली मिलान आदि स्पष्ट रूप से वर्णित है I
* पुस्तक को उद्घृत कुण्डलियो के साथ मण्डित किया गया है I
* शुद्ध जन्मपत्री बनाने तथा दशाओ की गणना के लिए आवश्यक ज्योतिष के गणित पक्ष को भी विस्तार से समझाया गया है
हमारे पारंपरिक ग्रंथों व पुस्तकों में फलादेश करने के बहुत सारे नियम व सूत्र दिये गये हैं, परंतु व्यावहारिक रूप में ऐसा देखा व पाया गया है कि कभी-कभी ये...
ज्योतिष द्वारा रोग निवारण
जन्मकुंण्डली में किस ग्रह से किस रोग का विचार करे, किस रोग की स्थिति में किस मंत्र - स्रोत्र का पाठ करे आदि का शास्त्र - सममत प्रतिपादन I पराविज्ञान के ज्ञाता देवज्ञ लेखक ने अपने अनुभव सिद्ध प्रयोगों का पुट देकर पुस्तक को अति उपयोगी बना दिया है I
ज्योतिष की दृष्टि से असाध्य रोगों का कारण सहित विवेचन I
कुण्डली दर्पण फलकथन तथा ग्रहो के आधार को ध्यान में रखकर भविष्यफल स्पष्ट करना ज्योतिष विज्ञान में सम्भवत: सर्वाधिक कठिन कार्य है l कुण्डली में कुल बारह भाव होते है...