Pandit Roop Chand Joshi Krit Lal Kitab 1952 [Hindi] By Roop chandra Joshi Publisher: Sagar Publications The Lal Kitab, originally written by Pandit Roop Chand Joshi, is one of the most revered...
डा. बेरिस्टर जगदीश चन्द्र बत्रा का जन्म अविभाजित भारतवर्ष में 4938 में गज़नफ्रगढ़ (मुज़ाफरगढ़) मुलतान (मूलस्थान) में हुआ 9 वर्ष की अल्प आयु में अपना सिरायकी वसेब छोड़कर विभाजन के...
पुस्तक की विशेषताएं ग्रंथों में दिए गए सूत्र सैकड़ों वर्षों पहले के हैं उन्हें समझना और प्रयोग करना सरल नहीं है क्योंकि विवाह के सम्बन्ध में जो सूत्र लिखे...
आचार्या भावना भाटिया इन्टरनेशनल स्कूल ऑफ वैदिक ऐस्ट्रो न्यूमेरोलॉजी ( ISVAN ) की अध्यक्ष व कॉस्मिक फ्यूचर पॉइन्ट की चेयर पर्सन हैं। वैदिक ज्योतिष और लाल किताब में 20 वर्षो...
हस्त रेखा शास्त्र पर लिखी गई यह एक उच्च कोटि की पुस्तक है। अनंत काल से हस्त रेखा शास्त्र, भविष्य 'फलित के लिए बहुत लोकप्रिय , अद्वितीय एवं सटीक विषय रहा...
ज्योतिष प्रकाशन में विवाह संबंधित पुस्तकें सर्वाधिक मिलती हैं। विवाह के संबंध में अनेक भ्रान्तियाँ और भय देखने को मिलता है। यह पुस्तक विवाह-संबंधी समस्त चिन्ताओं का शास्त्र अनुसार निवारण...
दशमांश एक महत्वपूर्ण वर्ग कुंडली है | यह पुस्तक दशमांश के व्यावहारिक उपयोग से सम्बंधित है | शिक्षा , व्यवसाय , प्रमोशन , प्रसिद्धि, स्थानांतरण, सेवा निवृति , व्यापार अथवा...
एक समय ऐसा था जब ज्योतिष ज्ञान को सर्वोच्च स्थान प्राप्त था लेकिन कालांतर में जब विदेशी शासकों का साम्राज्य रहा तो उन्होंने हिन्दू संस्कृति को क्षति पहुंचाई तथा धार्मिक...
फलित नाड़ी ज्योतिष ग्रह युति (एक विह्गम दृष्टिपात )
१. नाड़ी ग्रंथो का परिचय
२. भृगु - नंदी नाड़ी : मूल सिद्धांत
३. ग्रहो की प्रवृति
४. दो अथवा तीन ग्रहो की युति के प्रभाव
५. चार या अधिक ग्रहो की युति
६. जीवन पथ विशलेषण - गुरु गोचर चक्र
७. नाड़ी ज्योतिष के ग्रह युति सरेखण एवं कारकत्व