Ages Of 36 And 72 Significant And Critical (English) It is one of three books being produced this year with statistical replicable astrological methodology with 108 examples. The reason for...
जैमिनी कारकांश और मण्डूक दशा से भविष्यवाणी
जैमिनी ज्योतिष के इतिहास में श्री के.ऐन.राव की पुस्तक. "प्रेडिक्टिंग थ्रू जैमिनी चर दशा" एक मील का पत्थर सिद्ध हुई । इसके पूर्व कोई ऐसी पुस्तक उपलब्ध नहीं थी जिसमे जैमिनी ज्योतिष कै द्वारा फलादेश किस प्रकार किया जाता है, ऐसा दर्शाया गया हो I जयपुर में इस पुस्तक के गहन अध्ययन एवं परिक्षण के बाद, सितम्बर 1995 में यह कहा गया कि पिछले दो हज़ार वर्षों में जैमिनी ज्योतिष के विकास की यह एक महानतम घटना है I श्री राव को इस पुस्तक के लिए स्वर्ण - पदक प्रदान किया गया I
प्रस्तुत पुस्तक इसी श्रृंखला की एक और कड़ी है i जैमिनी ज्योतिष की किसी भी पुस्तक ने इस दशा की कोई भी खूबी नहीं दर्शाई है i जैमिनी ज्योतिष पर लिखने वाले सभी लेखक आपको भ्रम में दाल देते हैं i वे कभी किसी दशा का फलादेश के लिए कैसे उपयोग किया जाता है , बताते ही नहीं i
लेखक ने अपनी इस पुस्तक में अपने शोध को प्रस्तुत किया है i उन्होंने मण्डूक दशा द्वारा फलादेश कुंडलियों पर दिखाया है i तीस से अधिक कुंडलियों पर लेखक ने अपना शोध सिद्ध किया है
ग्रह और संतान
इस पुस्तक का गहन अध्ययन कीजिए I ऐसा करके आप भविष्यवाणी कर पाएंगे -
१ संतान के जन्म की
२ संतान के साथ दुर्घटना इत्यादि की
३ संतानहीनता की समस्या तथा उसके दैवीय उपाय की तथा संतानहीनता और उसके साथ घटित होने वाली दुर्घटनाओं से निजात पाने की
४ संतान विषय पर ऐसी पुस्तक प्रकाशित नहीं हुई I
५ प्रसूति रोग विशेषज्ञ जो ज्योतिष जानते है इस पुस्तक से लाभ उठा सकते है और वे ज्योतिषी-सहानुभूति रखने वाले प्रसूति- रोग विशेषज्ञों की मदद कर सकते है, इस पुस्तक के माध्यम से, उनको ज्योतिषीय सहायता देकर जिसकी उन्हें बहुत आवश्य्कता होती है I
Grah Aur Santaan
हिन्दू ज्योतिष में कर्म और पुनर्जन्म अनेक जन्मपत्रिकाओं के दृष्टांतो सहित व्याख्यातित पुनर्जन्म के विषय की व्याख्या हेतु पुनर्जन्म के विषय में दोनों जन्मो की जन्मपत्रियों के मध्य ज्योतिषीय सम्पर्क...
कंटक शनि अष्टम शनि शनि की साढ़ेसाती ( अभिशाप या वरदान एक पूर्ण संतुलन )
कंटक शनि अष्टम शनि और शनि की साढ़ेसाती, ये शनि का क्रमश: लग्न और चन्द्र से, चतुर्थ और अष्टम तथा चन्द्र और उससे द्वितीय तथा द्वादश भाव में गोचर मात्र है I लेकिन सतही ज्योतिष करने वाले, शनि एक नाम , एक शब्द जिससे समाज में भय व्याप्त है, को जोड़ कर पैसा कमाते है और जनता को उत्तरोत्तर और विशेषकर संवेदनशील महिलाओ को आतंकिंत करते है I इस सामाजिक कुरीति के विरोध में भारतीय विधा भवन के प्रागण में छात्रों द्वारा सैकड़ो कुण्डिलियों पर इन गोचरों में घटने वाली अनेकानेक घटनाओ पर शोध कार्य किया गया, जिससे निष्कर्ष निकलता है कि शनि का गोचर, मात्र घटना के समय का निर्धारण करने में सहायक सिद्ध हो सकता है लेकिन जीवन कि दिशा दशाओ से ही निर्धारित होती है I किसी भी घटना के शुभ - अशुभ होने में ग्रहो कि विभिन्न भावो व् वर्ग कुण्डलियो तथा राशियों व् नक्षत्रों में परस्पर स्थिति, योग तथा दशाक्रम की महत्वपूर्ण भूमिका होती है I बारह राशियों, सत्ताईस नक्षत्र, नो ग्रह, बारह भावो व् षोडश वर्गों से ५,५९,८७२ संयोजन बनते है, तो केवल एक गोचर के आधार पर कैसे फलित किया जा सकता है I टेलीविज़न के विभिन्न चैनलो पर तथा समाचार पत्रो में केवल चन्द्र पर शनि के गोचर के आधार पर भविष्य बताया जाता है I छः अरब की विश्व की जनता में , बारह राशियों के आधार पर ५० करोड़ व्यक्तियों का या भारत की १०८ करोड़ की जनता में ९ करोड़ व्यक्तियों का भविष्य एक सा नहीं हो सकता I दैनिक हिन्दू के प्रसिद्ध संपादक कस्तूरी रंजन स्वयं ज्योतिष जानते थे और इस पर विश्वास करते थे और भविष्यवाणी
PLANETS AND SISTERS & BROTHERS This is the third statistical research being produced this year 2014: the first is the near accurate timing of the birth of a child through...
PATAKI RISHT CHAKRA In our research class when I talked about the Pataki Risht Chakra and told how some traditional astrologers made brilliant use of it and gave stunning predictions...
THE NEHRU DYNASTY A MODEL CASE-STUDY OF THOSE WHO AFFECT THE LIVES OF MILLIONS The father of John Kennedy wanted to found a dynasty in American democracy ...but his first...