Author - SC Mishra (Suresh Chandra Mishra)
इस ग्रन्थ में जातक विषयों पर एक नये दृष्टिकोण का साक्षात्कार होता है जो अन्य ग्रंथो से थोड़ा भिन्न है l मन्त्रेश्वर के गोचर फल कथन अतयन्त तर्कपूर्ण और तथ्यात्मक है l भावफलकथन में भी मन्त्रेश्वर के वैशिष्ट्य की झलक देखने को मिलती है l सर्वतोभद्र पर विशेष टिप्पणी दी गयी है जो गोचरफल कथन में विशेष उपयोगी है l तत्सम्बन्धी उदाहरण भी दिये गये है l साथ ही कालचक्र दशा की सोदाहरण विशद व्याख्या दी गई है l टिका में आवष्यकतानुसार गणितीय उदाहरण तथा अन्य परम्परागत जातक ग्रंथो के विचारों को यथास्थान उद्द्त किया गया है l
अंत में इस ग्रन्थ को अपने शुद्धतम रूप में ज्योतिष जगत के समक्ष प्रस्तुत करने में अथक, अमूल्य सहयोग और परिश्रम के लिए 'चौखम्बा सुरभारती प्रकाशन' के व्यवस्थापक गुप्त -बन्धुओ के प्रति से अतयन्त आभारी हु l
Phal Deepika by Mantreshwar in Hindi
प्राचीन सामुद्रिक शास्त्र (भाग -१ एवं भाग -२) शरीर लक्षण एवं आकृति विज्ञानं के साथ सम्पूर्ण हस्तक्षेप विज्ञानं, जिसमे चित्रों द्वारा एक- एक रेखाओं एवं रेखाओं से बने योगों को...
Author- KT Shubhakaran नक्षत्रों पर आधारित भविष्यवाणी का उद्गम वैदिक काल में हुआ था, तब इसे " वेदांत ज्योतिष" कहते थे I नक्षत्र शब्द संस्कृत से उतपन्न हुआ है एक विचार के अनुसार इसका अर्थ (नक्ष = प्रवेश ) + ( त्र = रक्षा करने वाला ) है I अत: कुल मिलाकर प्रत्येक नक्षत्र २८ देवताओ में से प्रत्येक का घर अथवा निवास होता है, जो नक्षत्रीय तथा सौर विकास की रक्षा तथा संचालन करते है I नक्षत्रों पर आधारित भविष्यवाणी का मुख्य आधार जन्म - नक्षत्र अथार्त जन्म के समय एक विशेष नक्षत्र में चन्द्रमा की स्थिति है I प्रस्तुत पुस्तक के आगे अध्ययन से पूर्व निम्नलिखित जानकारी/ आंकड़े उपलब्ध होना आवश्यक है-१. जिस वर्षे में जातक का जन्म हुआ है उस वर्ष का ज्योतिष पंचांग I२. जन्म स्थान के अक्षांश तथा रेखांश का निर्धारण करना I३. जातक के जन्म का ठीक समय, दिन, मास तथा वर्ष का निर्धारण यदि जन्म समय किसी देश के निर्धारित समय के अनुसार है तो अक्षांश के आधार पर जन्म का स्थानीय समय भी जानना आवयश्क है I स्थानीय समय निकालने का सूत्र इस प्रकार है : यदि मेरिडियन के पूर्व में स्थित स्थान पर जन्म हुआ है तोअक्षांश की प्रत्येक डिग्री पर उस देश के निर्धारित समय में ४ मिनट जोड़े और यदि जन्मस्थान मेरिडियन के पश्चिम में स्थित है तो अक्षांश की प्रत्येक डिग्री पर निर्धारित समय...
प्रश्न दर्पण Author- SD Ughrayan इस समय ज्योतिष शास्त्र की ६ शाखांए प्रचलित है - जातक, प्रश्न, चिकित्सा , मौसम, राजनीतिक, शकुन, मुहूर्त, अंक और ताजिक I इनमे से प्रत्येक...
Lagna Darshan Vol- 3 (Tula, Vrishchik Aur Dhanu) Astrological solutions to Three Janam Lagans- Tula Vrishchik and Dhanu with common features and Lagnesh in different houses with solutions in different...
Grah Phal Vichar - Hindi ग्रह फल विचार (ग्रहों का फल विचार) वैदिक ज्योतिष का एक महत्वपूर्ण भाग है, जिसमें ग्रहों की स्थिति और उनके प्रभाव का विश्लेषण किया जाता...
जन्म कुंडली हमारे भविष्य का दर्पण है। हम क्या प्राप्त करेंगे? हमारी महत्त्वाकांक्षाएं कब पूरी होंगी? भाग्योदय कब होगा? आदि सभी महत्त्वपूर्ण पहलुओं के बारे में जन्म कुंडली से पता लगाया...