Daivagye Shri Ram, the author of the book Muhurta Chintamani hails from a family of astrologers and is 7th in the line of his predecessors and his book is getting...
पूर्व कालामृत उत्तर कालामृत का पूर्वभाग मुहूर्त शाखा का प्रामाणिक दस्तावेज l गर्भाधानादि १६ संस्कारो का विचार l विविध मुहूर्तो का सम्यक स्पष्टीकरण l विवाह मेलापक का विस्तृत विचार l...
Brihat jatak A unique text by India’s greatest astronomer and astrologer Varaha Mihira known in India, Egypt, Greece and elsewhere. This work laid the solid foundations of Indian astrology. Special...
Bhuvana Deepika This book is on Prasna Sastra, was written by Sri Padma Prabhu Soori. This small work comprises 36 doorways dealing easily the contents like journey & return, disease,...
उपाय मार्तण्ड
ज्योतिष का प्रमुख उद्देश्य आने वाली घटनाओं को बताना ही नहीं वरन आने वाले कष्टों से रक्षा और लाभ पहुंचना है l जन्म कुण्डली में विभिन्न भावो में स्थित ग्रहो का शुभाशुभ फल जातक को जीवन भर मिलता रहता है l परन्तु उनका विशेष फल महादशा, अन्तर्दशा की अवधि में मिलता है l अत: यथार्थ फल की जानकारी के लिए ग्रह, गोचर और ग्रह की महादशा अन्तर्दशा पर विशेष ध्यान देना चाहिए l
अनिष्ट ग्रहो की शांति के लिए हमारे ऋषियों ने अनेक प्रकार के यंत्र, तंत्र, मंत्र, एवं जड़ी -बूटियों द्वारा उपाए बताए है l इनमे मंत्र जाप सर्वोपरि है l इसके पश्चात हवन, दान, रत्न धारण करना आदि है l वर्तमान समय में लाल किताब के अनुभूत, उपाय कम खर्चे के और सरल है जिनके द्वारा भी कठिन से कठिन समस्या का समाधान हो जाता है l यदि मंत्र जप करने में कठिनाई आए तो अनिष्ट ग्रह के अशुभ फल से बचने के लिए 'ग्रह की वस्तु का दान, व्रत, रत्न धारण कर लाभ उठा सकते है l रत्नो एवं लाल किताब के उपायों का चमत्कारिक प्रभाव देखा गया है l परन्तु शुद्ध रत्न कीमती और आसानी से नहीं मिलते इसके लिए उपरत्न जड़ी -बूटी, ग्रह से सम्बन्धित वस्तु का दान एवं जल प्रवाह करके कष्ट से बच सकते है l प्रस्तुत पुस्तक में इन सबका विस्तृत विवेचन किया गया है l
ताजिक नीलकंठी ताजिक नीलकंठी मूलतः यवन ज्योतिष पर आधारित रचना है जिसमे वर्ग कुंडली के आधार पर जन्म के पश्चात के वर्षो के शुभाशुभ फल की व् प्रश्न कुंडली द्वारा...
LAGHU PARASARI (Jataka Chandrika) This is a brief introductory work with impetus on the Dasa- Bhukti results of various planets depending on the lordships of various houses of a horoscope....
Pulippani Jothidam (English) The time of sage Pulippani is not clearly known. Same say he lived in 3000 Bc before the start of kali Yugs. Siddha Pulippani and Pulippani are one and...
LAGHU PARASHARI & MADHYA PARASHARI Chandrashekhar has been learning Iyotish for over 50 years. He started learning when he was 8 years old, initially from his father. His grandmother was...
जातकालंकार जातकालंकार वास्तव में ही जातक शाखा का अलंकार भुत ग्रन्थ है l प्राचीन शुकसुत्रो का अर्थपल्ल्वन श्लोकबद्ध रीति से करके गणेश कवी ने सरस् शैली में जातकालंकार की रचना...