सर्वार्थ चिंतामणि बृहत् पाराशर होरा में दशाफल से लेकर सूक्ष्मदशा तक के फल है l सर्वार्थ चिंतामणि में अन्तर्दशा तक ही विचार किया गया है पर इस ग्रन्थ में उच्चांश,...
Vridha Yavana Jataka by SC Mishra ग्रन्थ परिचय फलित ज्योतिष की प्राचीन सिद्धान्त धारा की पावन गंगोत्री रूपी रचना, लगभग 1800 वर्ष पहले भारतवर्ष में लिखी गई, जो अलभ्य थी, वह...
जातक सारावली- नवम भाव आकाशीय पिण्डों के अध्ययन एवं ज्योतिष शास्त्र के शोध सिद्धांतों से आलोकित व्यवसाय पक्ष का प्रज्वलित प्रकाश पुंज है। व्यवसाय और कर्म के अधिष्ठाता महाप्रभु की परमपावन...
जातकदेशमार्ग
भारतीय ज्योतिषशास्त्र में तीन स्कन्धों के जातकस्कन्ध शीर्ष पर है I जन्मपत्रिका का निर्माण तथा फलादेश इसी स्कंध के आधार पर है I जातकशास्त्र ही होराशास्त्र भी कहलाता है एवं इसी शास्त्र पर संस्कृत में श्रीपद्धमनाभीसोम्याजीप्रणीत 'जातकदेशमार्ग' भी एक महत्वपूर्ण ग्रन्थ है I 'जातकदेशमार्ग' में लगभग ५१२ संतुलित श्लोक है I सम्पूर्ण ग्रन्थ में सत्रह अध्याय जिन्हें संज्ञाप्रकरण, विवेक प्रकरण, अरिष्ट, अरिष्ट भंग, आयुविर्भाग, आयु योग, मरणनिर्णय, योग, अष्टकवर्ग, भाव विचार, गोचर फल, दशापहार, भार्याविचार, आनुकूल्य, पुत्र- चिंता, संतान चिंता तथा मिश्रकाध्याय नाम दिए गए है I
इस ग्रन्थ में ऐसी अनेक विलक्षण बाते है जो कि उत्तरी भारत में लिखे गए ग्रंथो में उपलब्ध नहीं होती है I ग्रन्थ में बालारिष्टो, अरिष्टभंग तथा आयुयोगो का अति उत्तम विवेचन सौष्ठवपूर्वक किया गया है I जनमाह के नो विशेष दोषो के महत्वपूर्ण प्रभाव का विवेचन एवं मांदी (मुलिक) तथा यमकंटक जैसे उपग्रहों की फलित में क्या महत्ता है ? इसका दिग्दर्शन किया गया है I संतान एवं विवाह समय के ज्ञान एवं फलादेश के लिए अनेक प्रकार के स्फुटो का गणित तथा फलित विस्तारपूर्वक समझाया गया है I
खेट- कौतिकम व् चमत्कार चिंतामणि (एक तुलनात्मक अध्ययन ) अब्दुल रहीम खानखाना के फलित ज्योतिष ग्रन्थ - खेट कौतुकेम " जो एक दुर्लभ ग्रन्थ है, की सर्वश्रेष्ठ टीका है l...
आधुनिक काल में वास्तु की शाखाएं वैश्विक स्तर पर उदित हुई हैं। अब अधिकांश लोग अपने स्थान को वास्तु विशेषज्ञ को दिखाने में रुचि रखते हैं ताकि वे अपने घर, भवन अथवा...