आधुनिक परिवेश में मानव मानसिक और भौतिक समस्याओं से इस प्रकार घिर गया है कि उसे अपने चारों ओर गहनतम अंधकार ही दिखाई देता है। इस अंधकार में “ज्योतिष” प्रकाश की एक किरण के समान उसके सामने आती है और मानव ज्योतिष के द्वारा अपनी राशि, ग्रह-नक्षत्र और उनके योग में अपनी समस्या का समाधान ढूंढ़ने लगता है। समाधान उसेमिल भी जाता है-यहीं से उसे प्रेरणा मिलती है--“ज्योतिष कैसे सीखें" ।
प्रस्तुत पुस्तक पं. केवल आनंद जोशी द्वारा लिखित इसी प्रेरणा का साकार रूप है।
पंडित शशिमोहन बहल ज्योतिष विद्या के अनुभवी व प्रसिद्ध लेखक हैं। इस पुस्तक में उन्होंने ज्योतिष विज्ञान से संबंधित बहुपयोगी जानकारी दी है। ज्योतिष में रुचि रखने वाले जिज्ञासुओं के लिए यह...
सम्पूर्ण सृष्टि-चक्र आकाशमंडल के ग्रह नक्षत्रों के संकेतों द्वारा संचालित होता है। किसी भी प्राणी की कुंडली इन्हीं ग्रह-नक्षत्रों की स्थिति और गति द्वारा निर्धारित की जाती है। किसी प्राणी की कुंडली के भाव, राशि और ग्रह-नक्षत्रों का समग्र ज्ञान ही ज्योतिष का मूल विषय है।
प्रस्तुत पुस्तक “ज्योतिष सीखिए' में ख्याति प्राप्त विद्वान आचार्य पंडित शशिमोहन बहल ने ज्योतिष के लगभग सभी आवश्यक प्रकरणों को अत्यंत ही सरल और सुबोध शैली में प्रस्तुत किया है।