आचार्या भावना भाटिया इन्टरनेशनल स्कूल ऑफ वैदिक ऐस्ट्रो न्यूमेरोलॉजी ( ISVAN ) की अध्यक्ष व कॉस्मिक फ्यूचर पॉइन्ट की चेयर पर्सन हैं। वैदिक ज्योतिष और लाल किताब में 20 वर्षो...
नवग्रह उपासना और ग्रहदोष के उपाय समस्त ग्रहो के अनिष्ट प्रभाव से मुक्ति के लिए शास्त्रों में नवग्रह उपासना का विधान है I कभी -कभी नवग्रहों का अनिष्ट प्रभाव इतना...
कुण्डली पर विचार करने की विधि नामक यह पुस्तक ज्योतिष के व्यावहारिक और अनुप्रयुक्ति पर है। इस पुस्तक को जनसाधारण द्वारा पसन्द किया गया है। इस पुस्तक के दो खण्डों में जन्म...
भारतीय ज्योतिष की परम्परा में जन्म कुण्डली देखकर फलादेश करने के लिए सर्वप्रसिद्ध गन्थों में भूगुसंहिता, मानसागरी, बृहज्जातकम् तथा रावण संहिता और दशानन कृत ज्योतिष के सुनहरी सिद्धान्त सर्वविदित हैं...
भृगु संहिता (फलित दर्पण ) कुंडली मारकर बैठा हुआ सर्प देखने में कितना निष्क्रिय लगता है जबकि असल में, उस समय वह सारी सक्रियता को अपने में समेटे रहता है...
इस ग्रन्थ में जातक विषयों पर एक नये दृष्टिकोण का साक्षात्कार होता है जो अन्य ग्रंथो से थोड़ा भिन्न है l मन्त्रेश्वर के गोचर फल कथन अतयन्त तर्कपूर्ण और तथ्यात्मक है l भावफलकथन में भी मन्त्रेश्वर के वैशिष्ट्य की झलक देखने को मिलती है l सर्वतोभद्र पर विशेष टिप्पणी दी गयी है जो गोचरफल कथन में विशेष उपयोगी है l तत्सम्बन्धी उदाहरण भी दिये गये है l साथ ही कालचक्र दशा की सोदाहरण विशद व्याख्या दी गई है l टिका में आवष्यकतानुसार गणितीय उदाहरण तथा अन्य परम्परागत जातक ग्रंथो के विचारों को यथास्थान उद्द्त किया गया है l
अंत में इस ग्रन्थ को अपने शुद्धतम रूप में ज्योतिष जगत के समक्ष प्रस्तुत करने में अथक, अमूल्य सहयोग और परिश्रम के लिए 'चौखम्बा सुरभारती प्रकाशन' के व्यवस्थापक गुप्त -बन्धुओ के प्रति से अतयन्त आभारी हु l
Phal Deepika by Mantreshwar in Hindi