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यज्ञ पद्धति की विशेषता यह है कि इसमें न केवल यज्ञ पद्धति ही दी गई है किन्तु पति और पत्नी के लिए ऐसी काफी सामग्री एकत्रित की गई है जिनके जान लेने से अच्छे माता और पिता बन सकते है, उदाहरण के लिए देखे : -
(१) स्त्रियों के मासिक धर्म का ठीक न होना उसका कारण और उसकी चिकित्सा l
(२) प्रदर का रोग, उसके चिन्ह, उसके कारण और उसकी चिकित्सा i
(३) योनि और गर्भाशय का विवरण l
(४) बन्ध्या प्रकरण में - बन्ध्यात्व के १८ प्रकार के दोष l
(५) गर्भ स्थिति में बाधक सात कारण l
(६) गर्भ स्थिति के लक्षण l
(७) गर्भ में पुत्र और पुत्री होने के पहचान l
इत्यादि इनके सिवा पुस्तक में पुत्रेष्टि -यज्ञ का विवरण भी खोलकर दिया गया है l ग्रन्थ में पग- पग पर शास्त्रीय मर्यादाओ को लक्ष्य में रखते हुए ही इसके पूरा करने का यत्न किया गया है l ग्रन्थ में पग - पग पर शास्त्रीय मर्यादाओ को लक्ष्य में रखते हुए ही इसके पूरा करने का यत्न किया गया है - ग्रन्थ वास्तव में उनके ही काम की चीज नहीं है कि जो पुत्रेष्टि यज्ञ कराना चाहे किन्तु सभी गृहस्थियों के लिए उनके काम कि चीज है - मैं ह्रदय से चाहता हु कि अधिक से अधिक संख्या के स्त्री और पुरुष इस ग्रन्थ को पढ़े और इससे लाभ उठावे l