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Masti Bhari Jindagi [Hindi] by
Publisher: Oshodhara
मस्त भरी जिंदगी
मैं आपसे कहना चाहता हु कि दुनिया के बहुत से अच्छे लोगो ने जिंदगी को गलत तरह से देखना सिखाया है I जिन लोगो ने भी कहा जीवन दुःख है, जिन लोगो ने कहा जिंदगी आसार है, जिन लोगो ने कहा जीवन दुःख है, जिन लोगो ने कहा जीवन छोड़ देने जैसा है, जिन लोगो ने कहा जीवन पाप है और जिन लोगो ने कहा जीवन कुछ भी नहीं, सब माया है, सब व्यर्थ है, सब असार है, उन सारे लोगो ने आपके मन में एक निगेटिव, एक नकारात्मक दृष्टि क़ी जगह बना दी है, उन सारे लोगो ने मनुष्य को धार्मिक होने से रोका है I जिन लोगो ने भी जीवन का विरोध सिखाया है, जिन लोगो ने भी लाइफ में निगेटिव आदतें डाली हमारी और जिन्होंने जीवन के सब रस को, सब आनंद को निषेध किया इनकार किया, उन सारे लोगो ने मनुष्य को परमात्मा से जोड़ने वाली कड़ी से बंचित किया है
क्योकि मनुष्य तो केवल पॉजिटिविटी में --
जब वह परिपूर्ण विधायक रूप से जीवन के रस को देखता है I जब वह घने अन्धकार में एक प्रकाश की ज्योति को देखता है, जब कांटो से भरी झाड़ी में एक गुलाब के फूल को देखता है और यह कह पाता है भगवान को कि धन्यवाद, तू अदभुत है, यह जीवन चमत्कार है , इतने कांटो के बीच में भी एक फूल पैदा हो जाता है, यह मिरकल है i जब वह यह कह जाता है भगवान से, तब वैसा आदमी जीवन के द्वार खोलता है, जहां से अमृत का प्रवेश होगा I