मृत्यु के बाद जन्म से पहले मौत पीड़ादायक नही, बल्कि कष्टनिवारक हितैषी है I प्रकृति बड़ी करुणावान 'सर्जन' है I 'अनिस्थिसिया' के समान हालत में प्रकृति देह से आत्मा...
सम्मोहन : एक वरदान सद्गुरु ओशो के अनुसार आत्म- सम्मोहन की कला सम्पूर्ण मानवता के लिए बहुत बड़ा वरदान बन सकती है - न केवल सासारिक, बल्कि आध्यात्मिक सफलता पाने...
सम्पूर्ण स्वाथ्य भाग -2 स्वास्थ्य को व्यक्ति के स्व और उसके परिवेश से तालमेल के रूप में परिभाषित किया जा रहा है I प्राचीन धारणा थी कि प्रकृति के संग...
सम्पूर्ण स्वास्थ्य भाग -१ आर्युविज्ञान यानी एलोपैथी का संबंध मानव तन- मन को निरोग रखने तथा आयु बढाने से है I अन्वेषण -कर्ताओ ने निरंतर नवीन आविष्कार करके इस विज्ञानं...
ध्यान और समाधि विवेकपूर्ण व्यक्ति हर स्थिति में से सत्यं-शिवं- सुंदरं की ओर अग्रसर होने का मार्ग खोज ही लेता है i ऐसी प्रज्ञा, ऐसी समझ ही वास्तविक सौंदर्य है...