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Prem aur Sammohan [Hindi] by
Publisher: Oshodhara
प्रेम और सम्मोहन
प्रेम में गहन आकर्षण होता है I यह तथ्य सभी जानते है I जिससे लगाव है, हम उससे मोहित हो जाते है I धरती और सूरज के गुरुत्वाकर्षण से भी ज्यादा शक्तिशाली है दो हृदयो के बीच प्रेम का सम्मोहन I व्यक्ति ही नहीं; धन, पद, ज्ञान, वास्तु, स्थान, आदि का स्थूल आकर्षण भी प्रबल होता है I
विचार, विश्वास, सिद्धान्त, पूर्वाग्रह, मान्यता, धारणा, भावना, स्मृति, कल्पना जैसी सूक्ष्म आंतरिक बाते सर्वाधिक सम्मोहक होती है I हम अपने ही मन के द्वारा उतपन्न किए जाल में बुरी तरह फस जाते है और अनावश्यक तकलीफ पाते है I क्या इस जंजाल से निकलने की कोई विधि है?
हां , जैसे कांटे से कांटा निकाला जा सकता है, वैसे ही नए पॉजिटिव सम्म्होन से, पुराना नेगेटिव सम्मोहन नष्ट किया जा सकता है I अगर वास्तव में स्वयं से प्रेम करते है, तो अपने भीतर के हानिकारक विषैले तत्वों से मुक्ति पाइए I उपाय आसान है : आत्म - सम्मोहन की कला सीखिए I
इस पुस्तक में पढ़िए -
१. प्रेम और सम्मोहन
२. चार तत्वों के प्रेम
३. प्रेम प्रवाह में दो अवरोध
४. प्रेम में तीन बाधाएं
५. पूजा- कितनी सार्थक?
६. सद्भावनाएं अधिक शक्तिशाली
७. प्रेम - आत्म का भोजन
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