Saral Yogasan Awam Pranayam [Hindi] by
Ramesh Puri
Publisher: Oshodhara
सरल योगासन एवं प्राणायाम
स्वाथ्य के चार आयाम है - शारीरिक, मानसिक, आध्यत्मिक, और समाजिक I केवल योग ही ऐसी पद्धति है जो इन चारो आयामो पर आधारित है I योग के आठ अंग है- यम, नियम, आसन, प्राणायाम, धारणा, प्रत्याहार, ध्यान और समाधि ई
स्वथ्य रहने के लिए आसन व् प्राणायाम का विशेष महत्व है I आसनो द्वारा शरीर को सुदृढ़ किया जाता है I प्राणायाम द्वारा मन पर नियंत्रण किया जाता है I परन्तु लोग योगासन करने से घबराते है I उन्हे लगता है आसन करना कठिन कार्य है I इस पुस्तक में केवल सरल आसन व् प्राणायामो का सरल भाषा में वर्णन किया गया है जो हम नित्य आसानी से कर सकते है I आसनो के अतिरिक्त इस पुस्तक में सूक्ष्म क्रियाओ पर विशेष चर्चा की गयी है I केवल सूक्ष्म क्रियाओ द्वारा ही हम शरीर को स्वस्थ रख सकते है I
सूक्ष्म क्रियाये अत्यंत सरल है I
इस पुस्तक में सूर्य नमस्कार, वज्रासन, अनुलोम-विलोम प्राणायाम और गहरे लंबे श्वासों पर विशेष चर्चा की गई है क्योकि स्वास्थ्य के लिए इनका विशेष महत्व है I इसके अतिरिक्त यम, नियम, प्रत्याहार, कुभक, बंध, चक्र, पंच प्राण, और योग निद्रा पर भी संक्षेप में सरल भाषा में चर्चा की गई है I
Jeevem Sharadha Shatam - Sau Varsh Jeene ka Vigyan [Hindi] by
Ramesh Puri
Publisher: Oshodhara
जीवेम शरद: शतम - सौ वर्ष जीने का विज्ञानं
आप सौ वर्ष तक और उसके बाद भी जीवन जीने का आनंद ले सकते है - एक स्वथ्य, उमंगपूर्ण और मस्ती भरा जीवन i सुनने में तो यह बहुत कठिन लगता है, परंतु है बहुत आसान I बस कुछ शर्ते है, कुछ नियम है I हर खेल के कुछ नियम होते है I जीवन भी एक खेल है - इसके भी कुछ नियम है, यदि इन नियमो का पालन करे तो फिर बहुत आसान है I और ये नियम भी अत्यंत सरल और सहज है I इस पुस्तक में इन्ही नियमो की सरल व् रोचक ढंग से चर्चा की गई है I यदि आप दीर्घायु होना चाहते है, सौ वर्ष तक आनंदमय जीवन व्यतीत करना चाहते है- तो इस पुस्तक को अवश्य पढ़े I आप स्वथ्य भी रहेगे, मस्त भी रहेगे और लाखो रुपयो की बचत भी कर सकेंगे I