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Amogh Shiv Kawach (230) [Hindi] By Gita Press अमोघ शिव कवच (230) [हिंदी] - गीता प्रेस द्वारा प्रकाशित हिंदी ग्रंथ, जो भगवान शिव के महत्वपूर्ण कवच को समर्पित करता है। इस...
Nakshatra Part 2: Nakshatra Pad Se Phal Kathan (As Told by Lord Shiva) [English] By Deepanshu Giri Publisher: Lunar Astro Vedic Academy Delve into the profound cosmic revelations of 'Nakshatra Part 2:...
Author-- CM Shrivastava
भगवान भैरवदेव को रूद्र रूप माना जाता है i यह तत्काल सिद्धिपत्र है i जहां अन्य देवता दीर्घकाल की साधना के बाद कदाचित ही प्रस्नन होते है, वही भैरवदेव तुरंत फल देते है i ये इतने कृपालु एवं भक्त -वत्सल है की सामान्य -स्मरण एवं स्तुति से ही प्रसन्न होकर भक्त के संकटो का निवारण कर देते है i वेदो में रूद्र की जो भय - हरण कारी स्तुति की गई है और उपनिषदों में भयावह स्वरूपधारी होने से जिसके भय से इंद्रादि देवो के द्वारा अपने - अपने कर्म को करने का जो वर्णन हुआ है, वह भगवान् भैरवदेव की ही महिमा है i इतना ही नहीं, भैरव ही ब्रह्मा और विष्णु भी है i
विश्व में भैरवदेव की साधना सात्विक और तामस दोनों प्रकार से की जाती है i अपने श्रद्धावान साधक पर तो ये इतने प्रसन्न होते है की एक तरह से वह उसके वश में ही हो जाते है i यही सिद्धि की अवस्था है i बड़े -बड़े देवताओ और असुरो ने अलौकिक शक्तियां इनकी सिद्धि करके ही प्राप्त की थी i आप भी इनकी साधना -आराधना करके अपनी मनोकामनाओं को पूर्ण करे i
Shri Shiv Geeta (Shiv Raghav Samwad) [Sanskrit Hindi] By Nandlal Dashora Publisher: Randhir Prakashan श्री शिव गीता (शिव राघव संवाद) [संस्कृत हिंदी] - नंदलाल दशोरा द्वारा: इस पुस्तक में 'श्री शिव गीता'...