शिव संहिता हठयोग का प्राचीनतम ग्रन्थ है । इसके आदि प्रवक्ता स्वयं भगवान शिव हैं | यह हठयोग के तीन प्रमुख ग्रन्थों में सर्वोपरि है, अन्य दो ग्रन्थों 'हठयोग प्रदीपिका...
नेपाल की एक रियासत की कोमलांगी परम सुन्दरी राजकुमारी मृगाक्षी के अद्भुत-अनोखे तन्त्र-संसार की रोचक-रोमांचक दास्तान। हिमालय के महाश्मशान में बसने वाले भैरव-मैरवियों तथा अघौरियों की रहस्यमय जीवन-शैली और तंत्र साधनाओं...
‘वक्रेश्वरी की भैरवी’ योग-तन्त्र-परक कथाओं का संग्रह है। यद्यपि ये अविश्वसनीय और असम्भव-सी लगेगी किन्तु स्वाभाविक भी है। आज के वैज्ञानिक युग में इन पर विश्वास करना मुश्किल है—इन्द्रियों की सीमा से परे घटित घटनाओं पर। इस भौतिक जगत में दो सत्ताएँ हैं—आत्मपरक सत्ता और वस्तुपरक सत्ता।वस्तुपरक सत्ता के अंतर्गत आने वाली वस्तुओं को तो प्रामाणित किया जा सकता है, लेकिन आत्मपरक सत्ता को नहीं। इसलिए कि आत्मपरक सत्ता की सीमा के अन्तर्गत जो कुछ भी है, उनका अनुभव किया जा सकता है, और उसकी अनुभूति की जा सकती है।