दशमांश एक महत्वपूर्ण वर्ग कुंडली है | यह पुस्तक दशमांश के व्यावहारिक उपयोग से सम्बंधित है | शिक्षा , व्यवसाय , प्रमोशन , प्रसिद्धि, स्थानांतरण, सेवा निवृति , व्यापार अथवा...
विभिन्न वर्गों की तुलना में नवांश को अपेक्षाकृत महत्ता सभी लोगो ने स्वीकार की है l ज्योतिष इसे जन्म -कुंडली के ठीक बाद या समकक्ष या उससे भी बेहतर मानते...
Navansh Se Phalit (Hindi) - By VP Goel नवांश से फलित - हिंदी में (वी.पी गोयल) यह पुस्तक नवांश का व्यवहारिक प्रयोग दिखाती है l नवांश के अनेक आयाम जैसे विवाह,...
PREDICTING THROUGH NAVAMSA & NADI ASTROLOGY The Nadi Jyotisha is a unique system of astrology. The Nadi Granths on this system contain readymade horoscopes giving out the whole life- reading...
This book gives simple easy to apply rules to get the astrological answers to queries like number and sex of children, timing of birth of children, happiness or troubles from...
Divisional Charts Divisional charts' are the keys to understanding horoscopes as they unlock that hidden door which refuses to open, even after the astrologer has examined the entire spectrum of...
This book, which has been finalized after empirical studies, is primarily for meeting this demand through an integrated and systematically consolidated approach for analytically studying the divisional charts. At the...
PREDICT WITH NAVAMSHA by VP Goel This book deals with the practical application of navamsha. Many aspects of navamsha like marriage, religious devotion, sixty fourth navamsha, vish navamsha and timing...
Saptamsha Se Phalit [Hindi] by VP Goel Publisher : Sagar Publications Books यह पुस्तक अनेक ज्योतिष प्रश्न जैसे संतान की संख्या और लिंग, संतान के जन्म का समय निर्धारण, संतान से...
पुस्तक की विशेषताएं ग्रंथों में दिए गए सूत्र सैकड़ों वर्षों पहले के हैं उन्हें समझना और प्रयोग करना सरल नहीं है क्योंकि विवाह के सम्बन्ध में जो सूत्र लिखे...
Encyclopedia of Vedic Astrology : Vargas The Vargas or the Divisional Chart is an unique way of evaluating not only the real strength of the planets but the level of...
ज्योतिष शास्त्र में अंशात्मक चार्ट
अंशात्मक ज्योतिष के सम्बन्ध में कुछ लिखने के पूर्व यह आवश्यक है कि पाठको को आरम्भिक ज्योतिष का ज्ञान संक्षेप में करा दिया जाय जिससे पुस्तक कि शेष सामग्री को समझने में सरलता हो I मनुष्य का जीवन ८४ लाख योनियो के बाद प्राप्त होता है I एक-एक क्षण अनमोल है I इसका उपयोग कर भगवत तत्व प्राप्त करना जीवन का उद्देश्य है I कर्म ही जीवन है I पृथ्वी लोक भोग - भूमि न होकर कर्म भूमि है I भारतीय दर्शन के अनुसार कर्म तीन प्रकार के है - १. संचित कर्म २. प्रारब्ध कर्म ३. क्रियामाण कर्म I वर्तमान तक किया गया कर्म संचित कहलाता है I यह एक प्रकार से बैंक में जमा राशि है I संचित से कुछ हितकर या अहितकर फल लेकर हम पैदा होते है जिसे प्रारब्ध कहा जाता है I वर्तमान जीवन में जो हम कर्म करते है वह क्रियामाण है I
यह पुस्तक इस बात को ध्यान से रखकर लिखी गयी है कि पाठकगण ज्योतिष से अनभिज्ञ है अत: एक अध्याय प्राम्भिक ज्योतिष का दिया गया है I सप्तम बिन्दु को ध्यान में रखकर भगवान् अनन्त के आत्यनितक अनुग्रह से ज्योतिष शास्त्र के प्रेमी पाठको के सामने यह नूतन रचना प्रस्तुत करते हुए मेझे अपार हर्ष हो रहा है I इसमें वर्गीय कुण्डलियो का विश्लेषण किया गया है तथा अनेक उदाहरण देकर वास्तु को सरल ढंग से समझाने का प्रयास किया गया है I