Author- Shrikrishan Jugnu मूल संस्कृत श्लोको की हिंदी व्याख्या व् समालोचनात्मक विवेचन से सुभूषित यह रचना बड़े मुहर्त ग्रंथो में भीतर पैठने से पूर्व नए विधाथिर्यो को अभ्यास करके विषय...
Author- Hemant Kumar Sharma फलित ज्योतिष में लघुपाराशरी का महत्वपूर्ण स्थान है I इस लघु ग्रन्थ में आचार्य ने फलित के ऐसे अनेक गूढ़ रहस्यों को भर दिया है, जो...
भावकुतूहलम Author- Harishankar Pathak
'भावकुतूहलम' ज्योतिष जगत में एक जाना पहचाना ग्रन्थ है I ज्योतिष के जातक खंड में विधमान ग्रन्थों की शृंखला की यह एक अनुपम और महत्वपूर्ण कड़ी है I इसके प्रणेता पंडित जीवनाथ मिथिला के मैथिल ब्रहामण थे I इनके पिता ज्योतिविर्द पंडित शम्भूनाथ तथा पितामह पंडित करुणाकर प्रभृत अपने समय के विख्यात देवज्ञ थे I
इस ग्रन्थ के लघुकलेवर में ज्योतिष सम्बन्धी अनेक महत्वपूर्ण जानकारियो को समायोजित कर इस ग्रन्थ की महत्ता और गुणवत्ता की वृद्धि आचार्य ने की है I यह सम्पूर्ण ग्रन्थ सत्रह अध्यायों से सुसज्जित है , जिसमे सामान्यत: ज्योतिविषयक महत्वपूर्ण जानकारियाँ संगृहत है I
भावकुतूहलम के अध्यायों में वर्णित विषय वास्तु के अध्ययन से सामान्य व्यक्ति भी फलादेश कर सकने में समर्थ हो सके इसलिए प्रस्तुत हिंदी टिका में आवश्यकता के अनुरूप विशेष चर्चा के साथ-साथ आवश्यकतानुसार उदाहरण भी दिए गए है I आशा है की इस विषय के जिज्ञासु प्रस्तुत संस्करण के अध्ययन से लाभान्वित होंगे I