ज्योतिष, प्रारब्ध तथा काल चक्र ( तकनीक तथा भविष्यवाणियां ) Author-KN Rao पुस्तक में दी गयी रोचक घटनाए पठनीय है l यदि आप ज्योतिष शास्त्र से अनभिज्ञ भी है, तो...
भावार्थ रत्नाकर Author- JN Bhasin यह ग्रन्थ ज्योतिष पर एक अत्युत्तम अनुसंधानात्मक ग्रन्थ है l श्री रामानुज कृत 'भावार्थ रत्नाकर ' ज्योतिष साहित्य में अपना एक विशिष्ट स्थान रखता है...
Jyotish Aur Rog (Medical Astrology) (Hindi) by J.N. Bhasin This book explores the profound connection between astrology and health, offering insights into diagnosing and addressing health issues through astrological charts....
व्यवसाय का चुनाव और आर्थिक स्थिति Author- JN Bhasin प्रस्तुत पुस्तक में हमने व्यक्ति की आर्थिक स्थिति को ज्योतिष की सहायता से व् ज्योतिष के ही दृष्टिकोण से स्पष्ट करने...
दशमांश एक महत्वपूर्ण वर्ग कुंडली है | यह पुस्तक दशमांश के व्यावहारिक उपयोग से सम्बंधित है | शिक्षा , व्यवसाय , प्रमोशन , प्रसिद्धि, स्थानांतरण, सेवा निवृति , व्यापार अथवा...
बृहत्पाराशरहोराशास्त्रम Author- Sitaram Jha आचार्य पंडित सीताराम झा द्वारा सम्पादित बृहत्पाराशरहोराशास्त्र ज्योतिष -प्रेमी पाठको के लिए इतना अधिक उपयोगी सिद्ध हुआ कि बहुत कम समय में ही इसके तीन संस्करण...
Laghu Parasari - Hindi Author- SC Mishra (Suresh Chandra Mishra)
लघु पाराशरी हमारी उस प्राचीन प्रतिपादन शैली का एक उत्कृष्ट व अनूठा नमूना है जिसके दर्शन हमें संस्कृत के सूत्रकारिका संग्रह आदि पद्धिति से रचित ग्रंथों में होते हैं i जिस प्रकार पाणिनीय व्याकरण में प्रवेश पाने के लिए लघु सिद्धांत कौमुदी के महत्त्व को सभी जानते हैं, उसी प्रकार फलित ज्योतिष के गहरे अध्ययन की और जिज्ञासुओं के लिए यह पुस्तक मुख्य प्रवेश द्वार है i यही कारण है की सुदीर्घ काल से यह फलित ज्योतिष के पठन - पाठन में अपना अक्षुण्ण स्थान बनाए हुए है i सम्पूर्ण पाराशर मत का ४२ श्लोकों में जो नवनीत प्रस्तुत किया गया है वह वास्तव में ज्योतिष में प्रवेश चाहने वालों के लिए हृष्टि - पुष्टि व तुष्टि प्रदान करने वाला है i
Navansh Se Phalit (Hindi) - By VP Goel नवांश से फलित - हिंदी में (वी.पी गोयल) यह पुस्तक नवांश का व्यवहारिक प्रयोग दिखाती है l नवांश के अनेक आयाम जैसे विवाह,...
नक्षत्र फल दर्पण Author- GS Kapoor (Gauri Shankar Kapoor)
भविष्यवाणी करने में जिन साधनो की आवश्यकता होती है उनमे नक्षत्र अपना विशिष्ट स्थान रखते है i भारतीय पद्धति में तो गणना का आरम्भ ही नक्षत्रो से होता है I इसीलिए भारतीय पद्धति नाक्षत्रिक पद्धति है I इसी पद्धति की उत्तकृष्टता, श्रेष्ठता एवं उपयोगिता पर इस पुस्तक में प्रकाश डाला गया है I
नक्षत्रो के कारकत्व के सम्बन्ध में उनका दशा में प्रयोग कैसे होता है ? उनसे गोचर में फल कैसे कहा जाता है और उनका जन्म कुंण्डली में क्या महत्व है ? वे हमारी दशा पद्धति के कैसे मूल स्तम्भ है ? इत्यादि सभी उपयोगी विषयो का उल्लेख इस पुस्तक में है I
ग्रहो की उच्चता और नक्षत्र पाठको के विशेष देखने योग्य अध्याय है जिनके द्वारा भारतीय ज्योतिष की मौलिकता, उनका भारत में जन्म, उनका आध्यात्मिक आधार आदि बहुत सी बाते ज्योतिष जगत के सामने पहली बार लाई गई है I
जामीनी चार दशा से भविष्यवाणी लेखक: के. एन. राव | प्रकाशक: वाणी पब्लिकेशंस विवरण:जामीनी चार दशा से भविष्यवाणी में, के. एन. राव ने जामीनी ज्योतिष के सिद्धांतों का विस्तृत विश्लेषण...
Hindu Jyotish Ka Saral Addhyan (Hindi) by K.N. Rao | Vani Publications हिंन्दु ज्योतिष का सरल अध्ययन ग्रहो के आधार पर सप्ताह के दिनों के नाम, नवग्रह, द्वादश भाव, भावो...