Education & Astrology Author- Raj Kumar Lt Col The evolution of human race to its present state is due to constant endeavour of each parent to see that even at...
FINANCE & PROFESSION ( A Vedic Approach) Author- Raj Kumar Lt Col The survival and sustenance of human life and all activities on this earth mainly depends on financial prosperity....
ज्योतिष के झरोखे से जीवन - यात्रा के आयाम Author- Raj Kumar Lt Col १. मूल सिद्धांत २. आयुदार्य ३. रोग/ स्वास्थ्य ४. शिक्षा ५. विवाह एवं वैवाहिक सुख ६....
Jyotishiya Upaya - Sagarलेखक: राज कुमार (लेफ्टिनेंट कर्नल)प्रकाशक: सागर पब्लिकेशन यह पुस्तक ज्योतिषीय उपायों पर केंद्रित है, जिसमें विभिन्न ग्रहों और उनकी दशाओं के प्रभाव को संतुलित करने के लिए...
Author-Raj Kumar Lt Col The correct judgement of longevity is highly complex, but is equally important and sought after. “Knowing longevity is difficult even for gods” said sage Parashar.Any prediction...
MADICAL ASTROLOGY Author- Raj Kumar Lt Col Medical astrology is a specialized branch of vedic astrology. It is an extraordinary predictive and counselling tool. A horoscope indicates good bad...
Nakshtra Rahasya - Hindi Author- Raj Kumar Lt Col नक्षत्रों का भी एक विचित्र संसार है जिन के साथ अनेकों कहानियां, किम्वदंतियां,धार्मिक/ आध्यात्मिक सोच और ज्ञान के भण्डार जुड़े हैं।...
Author- Raj Kumar Lt Col
विभिन्न वर्गों की तुलना में नवांश की अपेक्षाकृत महत्ता सभी लोगो ने स्वीकार की है I ज्योतिष इसे जन्मकुंण्डली के ठीक बाद या समकक्ष या उससे भी बेहतर मानते है I लगभग सभी ज्योतिष कोई भी पूर्वानुमान देने से पहले , विभिन्न भावो और ग्रहों की शक्ति जानने के लिए कुंण्डली और नवांश का अध्ययन साथ-साथ करते है I वैदिक ज्योतिष में नवांश की एक उत्कृष्ट स्थिति है और इसके बहुपक्षीय प्रयोग तथा निपुणता किसी भी विषय के सूक्ष्म परिक्षण और गहन अध्ययन के लिए बरबस ध्यान आकर्षित करती है I जेमिनी और नाड़ी पद्धति के अतिरिक्त ज्ञान और बुद्धिमतापूर्ण सिद्धांतो ने इसे और भी महत्वपूर्ण बना दिया है I लेखक ने इन दोनों पद्धतियों का समावेश इस पुस्तक में करने का प्रयास किया है I जन्म कुंण्डली का अध्ययन भावो और ग्रहों के केवल स्थूल संकेत और गुण बताते है I जबकि नावश उनके विस्तृत और सूक्षतम् गुणों को बताते है I नवांश का आकार और विस्तार मूल रूप से एक चौथाई भाग के बराबर है I एक भाव / राशि लगभग ३० डिग्री का होता है जबकि नवांश उसका सूक्षतम् रूप (राशि का १/९ भाग या केवल ३" २०' ही) है जो इसे विलक्षण गुण देता है I
फलित नाड़ी ज्योतिष ग्रह युति (एक विह्गम दृष्टिपात )
१. नाड़ी ग्रंथो का परिचय
२. भृगु - नंदी नाड़ी : मूल सिद्धांत
३. ग्रहो की प्रवृति
४. दो अथवा तीन ग्रहो की युति के प्रभाव
५. चार या अधिक ग्रहो की युति
६. जीवन पथ विशलेषण - गुरु गोचर चक्र
७. नाड़ी ज्योतिष के ग्रह युति सरेखण एवं कारकत्व
Prashan Vichar ( Ek Vaidik Drishtikon ) - Hindi Author- Raj Kumar Lt Col पुस्तक-सार अनंतकाल से प्रशन शास्त्र एक बहुत लोकप्रिय,अद्वितीय और सटीक तकनीक रही है जो जातक की...
Author- Raj Kumar Lt Col The author has discussed the following points in the book 1)Vedic approach to prashna, need & utility of prashna 2)Basic concepts of signs, Nakshatras, Houses...