A GLIMPSE OF KERALA ASTROLOGY Vedic or Indian Astrology is star studded with the great classics of Maharishis and Acharyas. Though they followed Astrology almost on the identical principles, still...
ग्रन्थ-परिच्चय आयु के विषय में हमारे तपस्वी ऋषियों ने अपनी उत्पाद्य प्रतिभा से अनेक पद्धतियों का विकास किया है। प्रस्तुत ग्रंथ में बादरायण, गर्ग, यवन, पराशर आदि महर्षियों एवं वराह,...
प्रस्तुत पुस्तक अंक विद्या के सम्बन्ध में कीरो के विचारों तथा उनके अनुभवसिद्ध सिद्धान्तों के आधार पर लिखी गई है l अंक विज्ञानं पर जो सरल और स्पष्ट प्रणाली करीरो...
अंक विज्ञानं को विज्ञानं का रूप देने और उसे सर्वजन सुलभ बनाने का श्रेय पच्छिमी विद्वानों को ही है l विश्वविख्यात ज्योतिषी कीरो इनमे एक है l लगभग चार हज़ार...
Ashtakavarg Mahanibandh (Hindi) by SC Mishra अष्टकवर्ग महानिबन्ध: ज्योतिष शास्त्र को वैदिक ज्ञान का नेत्र कहा गया है l इस कथन की प्रमाणिकता फलादेश की सत्यता एवं सटीकता पर आधारित...
एस्ट्रो पामिस्ट्री ज्योतिष जगत का सर्वथा अछूता विषय है I जन्म-पत्र द्वारा, ग्रह नक्षत्रों की स्थिति और गति के आधार पर भविष्य - कथन के प्रणाली को ' ज्योतिष संज्ञा दी गई है I इसे अंग्रेजो में 'एस्ट्रोलॉजी' कहते है I हस्त रेखाओं के अध्ययन द्वारा फल कथन की विधा को अंग्रेजी में 'पामिस्ट्री' कहते है I प्रस्तुत पुस्तक 'एस्ट्रो पामिस्ट्री के महत्वपूर्ण सूत्र' में सुविज्ञ लेखक डॉ. भोजराज द्वेदी ने एस्ट्रोलॉजी और पामिस्ट्री का एकीकरण किया है I इस दृष्टि से पुस्तक अपने आप में सर्वथा मौलिक और अद्वितीय रचना है I हाथ देखकर जन्म-कुण्डली बना देने की बात सुनने में तो आई है; किन्तु इस रचना से ऐसी कोई कृति देखने में नहीं आई जिसमे इस चमत्कार का सम्यक विधि बताई गई हो I प्रस्तुत रचना में लेखक ने हथेली पर बारह राशियों के स्थान निर्धारित किये है I नौ ग्रह के चिन्ह बताए है I राशियों में ग्रहों की स्थिति के साथ-साथ रेखा,वर्ग, यव, जाली, आयत, वर्ग आदि के द्वारा, तालमेल द्वारा ग्रहों की उच्च नीच स्थिति युति, बलाबल आदि को स्प्ष्ट करके शुभाशुभ फल बतया है I इस ग्रन्थ की सबसे बड़ी विशेषता यह है की खोटे- ग्रहों के जप-दान...