Jyotish aur Aajivika [Hindi]Author: AK GaurPublisher: Vani Publications Key Features:Jyotish aur Aajivika is an insightful book that connects the ancient wisdom of astrology with the modern concept of livelihood. Written in...
Jyotish aur Aayusaya Yog [Hindi] by Bhojraj Dwivedi Publisher: Diamond Books ज्योतिष और आयुष्य योग संसार का प्रत्येक मनुष्य, चाहे वह किसी भी जाति, धर्म, सम्प्रदाय व् मान्यताओं को मानने वाला...
ज्योतिष और केरियर Author- Vivekshri Kaushik किसी को खुदाई में तुरन्त एवं मीठा पानी मिलता है, कोई कई प्रयत्न पर भी केवल खारा पानी ही पाता है l किसी को...
"ज्योतिष तो जीवन शाश्त्र है, जिसे जीएवं प्यारा हो उसे ज्योतिष शाश्त्र भी अपनाना होगा" गुरुदेव के इस सूत्र को प्रथम अध्याय में थोड़ा विस्तार देने का प्रयास किया है | विशिष्ट व्यक्तियों को जो यश और मान प्राप्त हुआ उसके पीछे ज्योतिषीय कारणों की विवेचना अध्याय २ बनी |विवाह ,रोग या दुर्घटना तथा धन वैभव की प्राप्ति में ग्रह और गोचर का महत्व, अध्याय ३ से ५ तक संकलित है | शिक्षा, आजीविका ,विदेश यात्रा तथा आर्थिक सम्पन्नता या धन और यश प्राप्ति से सम्बंधित चर्चा अध्याय ६,७,८, में हुई है |
इसके बाद तीन अध्याय धन हानि , हत्या या मृत्यु तथा अपराध और दंड जीवन के अंधियारे पक्ष पर प्रकाश डालते हैं | अध्याय १२ से १५ तक भूसंपदा , वाहन सुख , माता पिता की मृत्यु तथा संतान सुख कब तक विचार हुआ है | अध्याय १६ आंसू और मुस्कान का अर्थ जीवन और ज्योतिष के संबंधों की पुष्टि करना है |
जनसंख्या में निरंतर वृद्धि होना भारत के लिए एक बड़ा संकट है। सरकार जनसंख्या विस्फोट को कम करने तथा सीमित परिवार रखने के लिए विभिन्न तरीके अपना रही है। 1952...
Jyotish Aur Rog (Medical Astrology) (Hindi) by J.N. Bhasin This book explores the profound connection between astrology and health, offering insights into diagnosing and addressing health issues through astrological charts....
Jyotish Aur Rog Vichar (Hindi) by Bhojraj Dwivedi Publisher: Diamond Books Jyotish Aur Rog Vichar by Bhojraj Dwivedi explores the fascinating connection between Vedic astrology and health. This book provides deep insights...
Jyotish aur Santan Yog [Hindi] by Bhojraj Dwivedi Publisher: Diamond Books ज्योतिष और संतान योग संसार का प्रत्येक मनुष्य, स्त्री या पुरुष चाहे किसी भी जाति, धर्म, व् सम्प्रदाय का क्यों...