"ज्योतिष तो जीवन शाश्त्र है, जिसे जीएवं प्यारा हो उसे ज्योतिष शाश्त्र भी अपनाना होगा" गुरुदेव के इस सूत्र को प्रथम अध्याय में थोड़ा विस्तार देने का प्रयास किया है | विशिष्ट व्यक्तियों को जो यश और मान प्राप्त हुआ उसके पीछे ज्योतिषीय कारणों की विवेचना अध्याय २ बनी |विवाह ,रोग या दुर्घटना तथा धन वैभव की प्राप्ति में ग्रह और गोचर का महत्व, अध्याय ३ से ५ तक संकलित है | शिक्षा, आजीविका ,विदेश यात्रा तथा आर्थिक सम्पन्नता या धन और यश प्राप्ति से सम्बंधित चर्चा अध्याय ६,७,८, में हुई है |
इसके बाद तीन अध्याय धन हानि , हत्या या मृत्यु तथा अपराध और दंड जीवन के अंधियारे पक्ष पर प्रकाश डालते हैं | अध्याय १२ से १५ तक भूसंपदा , वाहन सुख , माता पिता की मृत्यु तथा संतान सुख कब तक विचार हुआ है | अध्याय १६ आंसू और मुस्कान का अर्थ जीवन और ज्योतिष के संबंधों की पुष्टि करना है |
आज भी 2 वर्ष की आयु पार कर बच्चा स्कूल जाना शुरू करता है तो उसका बचपन, किशोरावस्था तथा यौवन के स्वर्णिम वर्ष शिक्षा संस्थाओं में विद्यां अध्ययन करते बीतते...
ज्योतिष प्रवेशिका Author- AK Gaur यह पुस्तक आपको बताएगी - * वेद, पुराण, उपनिषद, ऋषीवाणी और ज्योतिष का सम्बन्ध I * सुख ही सुख लाने के लिए ज्योतिष और जीवन...
ज्योतिष विज्ञानं सिद्धांत शिरोमणि किसी कुशल ज्योतिर्विन्द से पूछे जाने वाली प्रमुख जिज्ञासाओ में जातक/ जातिका के व्यवसाय से सम्बंधित प्रश्न को रेखांकित किया जा सकता है l वह नौकरी...