NADI JYOTISH SHASTRA ज्योतिष शास्त्र की ही एक प्राचीन विधा है - - नाड़ी ज्योतिष I यह दक्षिण भारत में विशेष रूप से प्रचलित है I दक्षिण भारत में अनेक नाड़ी ग्रन्थ लिखे गए, जो मानव जीवन की रहस्यमय घटनाओ का उदघाटन करते है I ये नाड़ी ग्रन्थ ग्रह - स्थिति पर आधारित होने के बावजूद फलादेश प्रधान है I जन्मकुण्डली का विश्लेषण सूक्ष्मता से करने में नाड़ी ग्रन्थ महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है I प्रस्तुत पुस्तक 'नाड़ी ज्योतिष शास्त्र ' चंद्र नाड़ी या...
Cherio's Book of Number Cheiro, the world famous seer tells you all, in this book, about the secret power of numbers. Simply by peering deep into your Date of Birth,...
ज्योतिष द्वारा रोग निवारण
जन्मकुंण्डली में किस ग्रह से किस रोग का विचार करे, किस रोग की स्थिति में किस मंत्र - स्रोत्र का पाठ करे आदि का शास्त्र - सममत प्रतिपादन I पराविज्ञान के ज्ञाता देवज्ञ लेखक ने अपने अनुभव सिद्ध प्रयोगों का पुट देकर पुस्तक को अति उपयोगी बना दिया है I
ज्योतिष की दृष्टि से असाध्य रोगों का कारण सहित विवेचन I
जन्म कुंडली द्वारा यह बताया जा सकता है कि जातक का अतीत क्या था, वर्तमान में वह किन स्थितियों - परिस्थितियों से गुजरेगा और उसके भविष्य के गर्त में क्या...
HEALING BY REIKI Reiki is a technique for stress reduction and relaxation that enables everyone to tap into this unlimited flow of ‘Life force energy’ to improve one’s health and...
Bhgyawano Ki Kundliyan अवतारों , महान पुरुषों एवं विशिष्ट व्यक्तियों की कुंडलियों का विवेचन जन्मकुंडली रुपी दीपक से सम्पूर्ण भावी फल उसी प्रकार प्रकट हो जाता है, जिस प्रकार रात...
प्रश्न फल निर्णय
ज्योतिष शास्त्र के तीन प्रमुख अंगो में प्रश्न मार्ग शास्त्र को भी, महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है i जिन व्यक्तियों के अपने जन्मस्थान, जन्मसमय अथवा जन्मतिथि का ठीक से ज्ञान नहीं है, उनके वर्तमान, भूत एवं भविष्य का फलकथन इस शास्त्र द्वारा सफलतापूर्वक किया जा सकता है I इसके अलावा अनेक महत्वपूर्ण प्रश्नों के उत्तर अधिक सूक्ष्मता के साथ प्रश्न शास्त्र के माध्यम से ही दिए जा सकते है I
प्रस्तुत ग्रन्थ 'प्रश्न फल निर्णय' प्रश्न शास्त्र पर आधारित है I इसमें यात्रा, धनसम्पत्ति, शिक्षा , संतान , रोग , विवाह, वर्षा, आयु और मृत्यु, तेजी-मंदी, आजीविका तथा भाग्योदय आदि विविध प्रकरणों पर अनेक प्रश्नों का फलकथन किया गया है I साथ ही प्रश्नकुंडली निर्माण, स्वर, शकुन, एवं चेष्टाओं की विस्तृत जानकारी, ताजिक शास्त्र के सहमो का प्रयोग, सर्वतोभद्र चक्रादि तथा शांति प्रकरण का भी इसमें समावेश है I
प्रश्न ज्योतिष के सन्दर्भ में 'गागर में सागर ' है यह ग्रन्थ I