No Products in the Cart
Call Us: +91 99581 38227
From 10:00 AM to 7:00 PM (Monday - Saturday)
व्यवसाय का चुनाव और आर्थिक स्थिति
२. जहाँ हमने ज्योतिष के विशेष नियम, जैसा कि 'धन का लग्नो से सम्बन्ध' 'स्वक्षेत्री शुभ ग्रह और केतु की एक ही भाव में स्थिति से विशेष धनार्जन': 'सुदर्शन विचार से धन बाहुल्य: ' स्वामी दृष्ट भाव से धनाधिक्य, ' कारकाख्य योग से प्रचुर धन' ' चन्द्राधियोग से करोड़ो की आय '; विपरीत राजयोग से लाखो करोड़ो की आमदनी' 'पाराशरीय धर्मकर्माधिपतियों से समृद्धि,' आदि - आदि अनेक उपयोगी तथा बहुमूल्य सिद्धान्तों पर अध्याय लिखकर पाठको को धन की प्रचुरता का दिग्दर्शन करवाना चाहा है - वही हमने ज्योतिष के कुछ अलभ्य एवं अप्रचलित के नियमो का उल्लेख सम्भवतया पहली बार किया है l
३. हमें पूर्ण विशवास है कि ' किस व्यवसाय से धन' तथा 'धन कितना और कब? ' आदि अध्यायों को पढ़कर आप अनुभव करेंगे कि धन निर्णय के सम्बन्ध में आपको नए सिद्धांत प्राप्त हुए है l यह पुस्तक हमारे निरंतर अनुसंधान का परिणाम है l इसके साथ - साथ ' धन- प्राप्ति के स्रोत '; धन प्राप्ति का समय तथा मात्रा '; ' व्यवसाय चुनने की पद्धति', आदि अध्यायों में व्यक्ति की आर्थिक स्थिति के स्रोत, व्यवसाय, मित्र, सम्बन्धी आदि का वर्णन किया गया है ी
अंत में 'व्यवसाय चुनने की पद्धति' नामक अध्याय स्वय एक विशेषता है I इसमें स्पष्ट रूप से यह दिखाया गया है कि व्यक्ति किस पद्धति से किस व्यवसाय का चुनाव करे कि वह उसको धनदायक सिद्ध हो I साथ ही यह अनुमान करने की विधि भी बताई गई है कि व्यक्ति का वेतन अथवा आय कितनी मात्रा में रहेगी I