No Products in the Cart
Call Us: +91 99581 38227
From 10:00 AM to 7:00 PM (Monday - Saturday)
शनि कष्ट निवारण
शनि जातक के जीवन पर अति शीघ्र प्रभाव डालता है, इसलिए इसे 'अति प्रभावी ग्रह' माना गया है I शनि ग्रह दरिद्रता का प्रतिक है l यह जन समुदाय को शीघ्र प्रभावित करता है l यह मृत्यु का कारक है, अत: इसे दुष्ट ग्रह की संज्ञा दी गई है l
कारावास, रंजिश, कलह, हत्या, असाध्य रोग, अपनों द्वारा कड़वे शब्दों का प्रहार, उपेक्षा, अपमान, असफलता और बाधाओं के अतिरिक्त सम्बन्धो में कटुता एवं घोर निराशा आदि ऐसी कठपुतलिया है, जिनकी डोर शनिदेव के हाथो में है l शनिदेव राजा को रंक और रंक को राजा तक बना डालते है l शनि को न्याय का देवता कहा गया है i
परिश्रम, उधम और मंदगति शनि की प्रकृति है, इसका उदाहरण इस बात से दिया जा सकता है कि शनि की दसवेँ भाव में स्थति जातक को उच्च पद तक तो अवश्य ले जाती है,किन्तु इसके लिए जातक को बहुत अधिक परिश्रम करना पड़ता है तथा उसकी उन्नति भी धीरे - धीरे होती है l अत : शनि के फल का विचार करते समय उसके गुणों के साथ - साथ उसकी प्रकृति पर भी विचार करना चाहिए l
प्रस्तुत पुस्तक में शनि के प्रकोप एवं बचाव का वर्णन काफी विस्तार से किया गया है l आशा है कि यह पुस्तक पाठको को उत्तम मार्ग को प्रशस्त करने में सहायक सिद्ध होगी l
0.5kg | ₹40 |
1kg | ₹70 |
1.5kg | ₹110 |
2kg | ₹130 |
2.5kg | ₹138 |
3kg | ₹170 |
4kg | ₹175 |
5kg | ₹200 |
7kg | ₹270 |
10kg | ₹325 |
12kg | ₹420 |
15kg | ₹530 |
20kg | ₹850 |