In Yoga, the mantra is a mystical formula, an incantation, which aids the individual to liberate the self and attain bliss and ultimate fulfilment. Gayatri—The Highest Meditation describes the Gayatri,...
आचार्य प्रवर जगद्गुरु आद्य शंकराचार्य स्तुतिकारों में चूड़ामणि हैं l आपके द्वारा रचित स्तुतियां अगणित हैं, जिनमे आत्मानुभूति, प्रबल भक्ति , शष्ट्रनिष्ठा , उदात्त विचार एवं सुमधुर वचोविन्यास के साथ साथ मानव मात्र के लिए कल्याणकारी मार्ग का...
ललिता सहस्त्रनाम (कुण्डलिनी संकेत विधा ) माँ ललिता सौंदर्य, अनुग्रह और आनंद की साक्षात् मूर्ति है l उनमे अगाध श्रद्धा और निष्ठां रखने वाले में भी ये गुण स्वभावत: ही...
माता भगवती त्रिपुरसुन्दरी लाड़ले पुत्र आदि शंकराचार्य को स्वयं भगवती ने अपना दूध पिलाकर सब विद्याओं में पारंगत होने का वरदान दिया था । भगवान शिव की इच्छा और भगवती की आज्ञा...
'Shri Durga Saptashati' is a practical training manual. Actually, it is a way to find out the cosmic reality. Throughout our lives we pursue such transient and petty desires that...
THE BOOK ANSWERS THE FOLLOWING QUERIES Why is it that different Hindu gods and goddesses though essentially spiritual, possess human attribtutes? Why is it that they possess various Forms, clothes,...
‘वक्रेश्वरी की भैरवी’ योग-तन्त्र-परक कथाओं का संग्रह है। यद्यपि ये अविश्वसनीय और असम्भव-सी लगेगी किन्तु स्वाभाविक भी है। आज के वैज्ञानिक युग में इन पर विश्वास करना मुश्किल है—इन्द्रियों की सीमा से परे घटित घटनाओं पर। इस भौतिक जगत में दो सत्ताएँ हैं—आत्मपरक सत्ता और वस्तुपरक सत्ता।वस्तुपरक सत्ता के अंतर्गत आने वाली वस्तुओं को तो प्रामाणित किया जा सकता है, लेकिन आत्मपरक सत्ता को नहीं। इसलिए कि आत्मपरक सत्ता की सीमा के अन्तर्गत जो कुछ भी है, उनका अनुभव किया जा सकता है, और उसकी अनुभूति की जा सकती है।