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“नाड़ी ग्रंथ भविष्य-चौंका देनेवाला चमत्कार” प्राचीन भारतीय महर्षियों की दिव्यदृष्टि है। ताड़ के पत्तों पर आधारित इन भविष्यवाणियों को लेखक विंग कमांडर शशिकांत ओक ने इस पुस्तक में बड़े प्रमाणिक, संशोधित और विस्तृत तरीके से प्रस्तुत किया है। जालंधर और होशियारपुर के भृगु केन्द्रों में कोरे कागज से भृगु फल का रीडिंग तथा सचित्र रूप में विभूति का अवतरण, ग्रुप कैप्टन राकेश नंदा द्वारा अपने माता-पिता के विवाह के संदर्भ में चौंकाने वाली घटना का कथन, जैसी कई आश्चर्यजनक बातें इस पुस्तक में शामिल हैं। भारतभर में उपलब्ध 220 नाड़ी केंद्रों के पते वर्णमाला क्रम में प्रस्तुत किए गए है। पिछले 18 वर्षों के दौरान, विंग कमांडर शशिकांत ओक द्वारा लिखी पुस्तकें अंग्रेजी और हिन्दी भाषा के अलावा मराठी, गुजराती, तमिल में भी उपलब्ध हैं। हजारों व्यक्तियों के प्रथमानुभव तथा अंतरराष्ट्रीय शोधकर्ताओं के संपर्क में वे रहे हैं।