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Jaat Hamari Bramh Hai, Sant Mat 6 [Hindi] by Osho Siddhartha
Publisher: Oshodhara
जात हमारी ब्रह्म है
ऊँची नीची जाति मनुष्य के बनाए हुए है l मनुष्य की जाति तो ब्रह्मा की जाति है l जितने भी प्रज्ञावान लोग है, जितने भी बुद्धजन है, सबका एक मत है l हिन्दू सन्तो और मुसलमान फकीरो में कोई भेद नहीं है l हिन्दू - मुसलमान में भेद हो सकता है l आपस में बड़ा मतभेद है l लेकिन एक हिन्दू संत और मुसलमान फकीर , सूफी फकीर में कोई भेद नहीं है i जब तुम रहते हो, ब्रह्म का बोध नहीं होता l मैंपन से तुम्हे हैपन तक जाना है l मैंपन, हुपन और फिर हैपन l यही दो कदम है - पहले आईनैस, फिर एमनैस एयर फिर इजनैस l बस दो कदम पर बात पूरी हो जाति है l लेकिन तुम चाहो कि ये मैंपन और हैपन दोनों साथ - साथ रहे, ऐसा होता नहीं l माया और ब्रह्म एक साथ इकट्टा नहीं हो सकते, मन और ब्रह्म एक साथ इकट्टा नहीं हो सकते, अंहकार और ब्रह्म एक साथ इकट्टा नहीं हो सकते
संत मत का छठवा भाग 'जात हमारी ब्रह्म है ' सद्गुरु ओशो सिद्धार्थ जी अनुभूति, अभिव्यक्ति और अंतर्दृष्टि की त्रिवेणी है l
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