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Galib Ki Shayri
ग़ालिब की शायरी
किसी ने सच ही कहा है - मुगलो ने हिन्दुस्तान को दो ही चीजें नायाब दी है ; एक ताजमहल और दूसरे ग़ालिब l
ग़ालिब अपनी मिसाल आप थे l ग़ालिब का एक - एक शे'र अपने में उनका ताआर्रुफ़ देने की हैसियत रखता है l मिर्जा ग़ालिब फारसी के शायर होते हुए भी उर्दू अदब के रोशन मीनार थे और आज भी है l अगर यह कहा जाए कि वे अपने आपमें उर्दू अदब थे, तो गलत न होगा l हमारे इस अदब के रोशन मीनार थे और आज भी है l अगर यह कहा जाए कि वे अपने आपमें उर्दू अदब थे, तो गलत न होगा l हमारे इस दाबे को साबित करेगी यह किताब, जो इस समय आपके हाथ में है और आपकी जुबान से भी एकाएक निकल उठेगा - वाह ग़ालिब! और यह भी कि ...
है और भी दुनिया में सुखनवर बहुत अच्छे,
कहते है कि ग़ालिब' का है अंदाज़े -बया और l
0.5kg | ₹40 |
1kg | ₹70 |
1.5kg | ₹110 |
2kg | ₹130 |
2.5kg | ₹138 |
3kg | ₹170 |
4kg | ₹175 |
5kg | ₹200 |
7kg | ₹270 |
10kg | ₹325 |
12kg | ₹420 |
15kg | ₹530 |
20kg | ₹850 |