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Firdaus -E -Murshid - Murshid Vani 8 [Hindi] by Osho Siddhartha
Publisher: Oshodhara
'फिरदौस - ए-मुर्शिद'
‘फिरदौस - ए-मुर्शिद' मेरी सूफी ग़ज़लों का आठवां संग्रह है I साधना की दृष्टि से इन गजलो का महत्व संत वाणी की तरह ही है I बहुत से मित्रो का आग्रह रहा है की कुछ अपनी मौलिक रूहानी बात कहु I मेरे भीतर खुद भी संतवाणी या सुफीवाणी के रूप में कुछ कहने का भाव बहुत दिनों से चल रहा था I''फिरदौस - ए- मुर्शिद' इन्ही सब का परिणाम है I
ग़ज़ल उर्दू काव्य की एक विधा है, जिसमे प्रायः ५ से ११ शेर होते है I सारे शेर एक ही रदीफ़,(अन्त्यानुप्रास)और क़ाफ़िए (पूर्व अत्यानुप्रयास) में होते है और हर शेर का मज़्मून अलग होता है I जैसे 'चुपके- चुपके रात -दिन आंसू बहाना याद है ' नामक प्रसिद्ध गजल में 'बहाना' काफिया है और 'याद है' रदीफ़ है I हर शेर का मज़्मून अलग होता है I पहला शेर 'मत्ला' कहलाता है, जिसके दोनों मिस्रे सानुप्रास होते है I अंतिम शेर 'मक्ता' कहलाता है, जिसमे शायर अपना उपनाम लाता है I ग़ज़ल के संग्रह को 'दीवान 'कहते है I वैसे यह बात समझने की है कि-
काफिया रदीफ़ गजल नहीं
हर जल है गंगा जल नहीं
काफ्री न अंदाज़े -बयां
जब तक है बात में बल नहीं
I इस संग्रह को मैंने 'फिरदौस -ए-मुर्शिद' कहना ज्यादा उचित समझा I
ये सभी गजले कामिल मुर्शिद और मेरे प्यारे गोविन्द की याद से लवरेज है I
इसे हिंदी- उर्दू दोनों में साथ-साथ प्रकाशित कर मैं अत्यधिक आनंदित महसूस कर रहा हु I
0.5kg | ₹40 |
1kg | ₹70 |
1.5kg | ₹110 |
2kg | ₹130 |
2.5kg | ₹138 |
3kg | ₹170 |
4kg | ₹175 |
5kg | ₹200 |
7kg | ₹270 |
10kg | ₹325 |
12kg | ₹420 |
15kg | ₹530 |
20kg | ₹850 |