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Dhyan se Nirvan ki Aur [Hindi] by
Publisher: Oshodhara
ध्यान से निर्वाण की ओर
अंतर्यात्रा ध्यान से शुरू होती है I लेकिन इसकी मंजिल निर्वाण है और मध्य से समाधि है I सच कहो तो एक साधक के पास अंतर्यात्रा का पूरा मानचित्र होना चाहिए I
मैंने इसको खूब महसूस किया है I जैसे एक यात्री कही जाता है तो उसकी पास पूरा मानचित्र होता है I ओशोधारा में अंतर्यात्रा का पूरा मानचित्र देना चाहते है I एक साधक कहा से शुरू करे ? कौन- कौन से मील के पत्थर आते है और फिर कहां जाना है उसको ?
संक्षिप्त में कहना चाहुगा कि द्रष्टा की मंजिल ध्यान है I ध्यान की मंजिल साक्षीत्व है, साक्षीत्व की मंजिल तथाता है I तथाता की मंजिल सुमिरन है I सुमिरन की मंजिल समाधि है I समाधि की मंजिल निर्वाण है I द्रष्टा अंतर्यात्रा का आरंभ है I मध्य में ध्यान, साक्षी, तथाता, सुमिरन और समाधि है I निर्वाण उसकी मंजिल है I
0.5kg | ₹40 |
1kg | ₹70 |
1.5kg | ₹110 |
2kg | ₹130 |
2.5kg | ₹138 |
3kg | ₹170 |
4kg | ₹175 |
5kg | ₹200 |
7kg | ₹270 |
10kg | ₹325 |
12kg | ₹420 |
15kg | ₹530 |
20kg | ₹850 |