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Ashtakavarg Mahanibandh (Hindi) by SC Mishra
अष्टकवर्ग महानिबन्ध:
ज्योतिष शास्त्र को वैदिक ज्ञान का नेत्र कहा गया है l इस कथन की प्रमाणिकता फलादेश की सत्यता एवं सटीकता पर आधारित है, इस तथ्य से सभी ज्योतिष जिज्ञासु परिचित है l एक तरफ जहाँ समस्त भारत के ज्योतिविंदो ने अष्टकवर्ग की इस अद्दभूत, वैज्ञानिक एवं सटीक फल - कथन प्रणाली को ललक से साथ अपनाया है, वही पाश्चात्य ज्योतिषी भी इससे प्रभावित हुए बिना नहीं रह सके l
इस चमत्कारिक विषय को पराशर आदि महर्षियो. वराह प्रभूति आचार्यो एवं वैघनाथ जैसे संग्राहक विद्धवानो ने अपने - अपने ग्रंथो में स्थान देकर इसका गौरव तो बढ़ाया ही है, साथ ही इसे प्रामाणिकता भी प्रदान की है l
विस्तृत रूप में सर्वांगपूर्ण शास्त्रीय पद्धति से इसका विवेचन आज तक एक स्थान पर संस्कृत ग्रंथो में भी दुर्लभ हो रहा है l विशेषतया हिन्दी पाठक तो इस विषय के ज्ञान से वंचित हो रहे है l प्रस्तुत गौरवशाली ग्रन्थ निश्चय ही इस अभाव की पूर्ति करता है l
प्रथम बार प्रकाशित इस ग्रन्थ रत्न में आप पायेगे :-
१ विषय की सम्पूर्ण जानकारी
२. गूढ़ विषय का विद्धतापूर्ण शास्त्रीय किन्तु सरल विवेचन का अद्वितीय ढंग
३ . फलादेश की शक्ति को धारदार बनाने का अद्वितीय ढंग
४. समग्रता, सरलता एवं विषय की उच्चता के साथ व्यवहारिकता का समावेश
५ चमत्कारिक फल कहकर यश एवं धन की प्राप्ति
फलादेश का सूक्ष्मतम अनुसन्धान पूर्ण कार्य प्रथम श्रेणी के मौलिक ग्रंथो की श्रीखंला में एक अभूतपूर्व वृद्धि , ज्योतिष के फलित विभाग में मेरुदण्ड समान l
लेखक सुरेश चंद्र मिश्रा
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