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Lagna Darshan (Volume 1) (Mesh, Vrish, Mithun) [Hindi]
Lagna Darshan (Volume 2) (Kark, Singh, Kanya) [Hindi]
Lagna Darshan (Volume 3) (Tula, Vrishchik, Dhanu) [Hindi]
Lagna Darshan (Volume 4) (Makar, Kumbha, Meen) [Hindi]
“लग्न दर्शन” भारतीय ज्योतिष जगत में शायद पहली पुस्तक है जिसमें लग्न भाव के बारे में इतने विस्तार से लिखा गया है।
इस पुस्तक की विशेषता केवल इसका विस्तार ही नहीं बल्कि इसमें लग्नेश के हर भाव में होने का फलादेश भी दिया गया है। लग्नेश के साथ दूसरे ग्रहों का होना ओर उनका फलादेश अपने आप में एक अनोखी बात है।
अनेक ज्योतिष संस्थाओं द्वारा ज्योतिष सम्राट, ज्योतिष भूषण व देवज्ञ महर्षि से सम्मानित पं. कृष्ण अशांत लगभग तीस साल से ज्योतिष पर कार्य कर रहे हैं।
इनका जन्म 8 दिसंबर 935 ई. में पंजाब में लुधियाना के पास एक गाँव में हुआ। एम.ए. फिलासफी करने कें बाद कालेज में अध्यापन किया, फिर कुछ समय तक समाचार-पत्रों का सह-संपादन करते रहे। उसके बाद ज्योतिष शास्त्र को ही जीवन बना लिया। इसी संबंध में विभिन्न देशों की यात्राएँ भी की ।
0.5kg | ₹40 |
1kg | ₹70 |
1.5kg | ₹110 |
2kg | ₹130 |
2.5kg | ₹138 |
3kg | ₹170 |
4kg | ₹175 |
5kg | ₹200 |
7kg | ₹270 |
10kg | ₹325 |
12kg | ₹420 |
15kg | ₹530 |
20kg | ₹850 |